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30 लाख किसानों के लिए जारी हो गया फसल बीमा का पैसा, चेक करें अकाउंट

PM Fasal Bima Yojana: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को रबी फसलों के लिए 2025 में बीमा भुगतान शुरू हो गया है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किसानों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा राशि वितरित की. इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय सुरक्षा, कृषि जोखिम प्रबंधन और प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करना है. इससे कृषि क्षेत्र में स्थिरता बढ़ेगी और किसानों का आर्थिक बोझ घटेगा.

PM Fasal Bima Yojana: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत सोमवार को 3,200 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी. इससे देश के करीब 30 लाख किसानों को सीधे फायदा होगा. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने झुंझुनूं से रिमोट का बटन दबाकर यह राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर की. यह किस्त विशेष रूप से रबी फसल के बीमा क्लेम के लिए है. इस मौके पर राजस्थान के लगभग 35,000 किसान कार्यक्रम में मौजूद रहे, जबकि देश के 23 राज्यों के किसान वर्चुअली जुड़े.

8,000 करोड़ रुपये की अगली किस्त जल्द

केंद्रीय मंत्री चौहान ने बताया कि यह केवल पहली किस्त है। इसके बाद 8,000 करोड़ रुपये और जारी किए जाएंगे. उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि जिनके खातों में आज राशि नहीं पहुंची है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आगे और भुगतान किया जाएगा.

बीमा कंपनियों पर सख्त नियम

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि अगर कोई बीमा कंपनी दावे के बाद तय समय सीमा में भुगतान नहीं करती है, तो उस पर 12% ब्याज का जुर्माना लगेगा. यह ब्याज राशि सीधे किसानों के खाते में जमा की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह योजना प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए वरदान है और सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी.

किसानों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता

अपने संबोधन में मंत्री चौहान ने किसानों से कहा, “किसान भाइयों और बहनों, आपकी सेवा ही मेरे लिए ईश्वर की पूजा है. अगर आपको फसल बीमा योजना से जुड़ी कोई भी शिकायत है, तो कृपया मुझे सूचित करें. हम हमेशा आपके साथ हैं.” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के आर्थिक असर से बचाने के लिए की थी.

योजना की 9वीं वर्षगांठ

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 18 फरवरी 2025 को अपनी नौवीं वर्षगांठ मनाएगी. 2016 में शुरू की गई यह योजना बाढ़, सूखा, चक्रवात, ओलावृष्टि, बेमौसम बारिश, कीट और बीमारियों से होने वाले फसल नुकसान के खिलाफ व्यापक बीमा कवच प्रदान करती है. यह किसानों की आय को स्थिर रखने और उन्हें नई खेती तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है.

2025-26 तक योजना को बढ़ाया गया

जनवरी 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 69,515.71 करोड़ रुपये के बजट के साथ 2025-26 तक पीएम फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को जारी रखने की मंजूरी दी. योजना भले ही स्वैच्छिक है, लेकिन 2023-24 में गैर-ऋणी किसानों का कवरेज 55% तक पहुंच गया, जो इसकी लोकप्रियता दर्शाता है.

आवेदन की अंतिम तिथि

  • गैर-ऋणी किसान: खरीफ फसल के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 14 अगस्त 2025
  • ऋणी किसान: अंतिम तारीख 31 अगस्त 2025

जो किसान अभी तक इस योजना से नहीं जुड़े हैं, उन्हें समय रहते आवेदन करने की सलाह दी गई है.

पीएम फसल बीमा योजना के आवेदन की प्रक्रिया

पीएम फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदा के कारण फसल को हुए नुकसान पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है. आवेदन करने के लिए किसान अपने नजदीकी बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) या अधिकृत एजेंट के पास जाकर फॉर्म भर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन भी पीएम फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है.

फसल बीमा के लिए जरूरी दस्तावेज

  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • बैंक पासबुक की कॉपी
  • आधार कार्ड
  • पहचान पत्र
  • खेत के कागजात
  • फसल का डिक्लरेशन

योजना का महत्व

  • किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से आर्थिक सुरक्षा मिलती है.
  • फसल नुकसान की स्थिति में समय पर मुआवजा मिलता है.
  • कृषि में निवेश और तकनीक अपनाने पर प्रोत्साहन दिया जाता है.
  • किसानों की आय में स्थिरता आती है.

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इस कदम से 30 लाख किसानों को सीधी आर्थिक मदद मिलेगी और आने वाले समय में किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी किसान प्राकृतिक आपदा के कारण कर्ज और संकट में न फंसे.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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