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भारत में भी लंदन, न्यूयॉर्क की तर्ज पर खुलेगा गोल्ड एक्सचेंज, जानें कैसे करेगा काम

SEBI ने गोल्ड एक्सचेंज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसमें सोने का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स (EGR) के जरिए होगा. सेबी का दावा है कि इससे देश में सोने की स्पॉट प्राइस में ज्यादा पारदर्शिता आएगी. यहां गोल्ड एक्सचेंज का अर्थ फिजिकल गोल्ड एक्सचेंज से है.

Gold Exchange सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गोल्ड एक्सचेंज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसमें सोने का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स (EGR) के जरिए होगा. सेबी का दावा है कि इससे देश में सोने की स्पॉट प्राइस में ज्यादा पारदर्शिता आएगी. यहां गोल्ड एक्सचेंज का अर्थ फिजिकल गोल्ड एक्सचेंज से है. यानी कि स्टॉक एक्सचेंज की तरह अब देश में गोल्ड के लिए अलग एक्सचेंज होगा.

कहा जा रहा है कि गोल्ड एक्सचेंज शुरू होने से सोने की कीमतों में सुधार होगा और खरीद-बिक्री से कैश ट्रांजेक्शन भी बढ़ेगा. गोल्ड एक्सचेंज में शेयर की तरह सोने की खरीदारी हो सकेगी. दरअसल, यह पूरा काम इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (Electronic Gold Receipt) के माध्यम से होगा. इसका फायदा यह होगा कि ग्राहक कीमत और गुणवत्ता में पारदर्शिता देखेंगे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने बताया कि गोल्ड के बदले जारी होने वाले इंस्ट्रूमेंट्स को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (EGR) कहा जाएगा. इन्हें सिक्योरिटीज का दर्जा मिलेगा. ईजीआर में भी क्लियरिंग, ट्रेडिंग और सेटलमेंट प्रक्रिया होगी. इसके अलावा सेबी ने सिल्वर ईटीएफ लॉन्च करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. अभी तक म्युचुअल फंड्स को सिर्फ गोल्ड कमोडिटी में ईटीएफ लाने की इजाजत है.

बता दें कि गोल्ड एक्सचेंज काफी हद तक स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही काम करता है. इसमें लोग सोने की खरीद और बिक्री के लिए ऑर्डर देते हैं और फिर क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑर्डर के हिसाब से ईजीआर और फंड्स को बायर और सेलर के बीच सेटल करेगा. सेटलमेंट के बाद ईजीआर बायर के डीमैट अकाउंट में आ जाएंगे. बायर जब तक चाहे गोल्ड को ईजीआर की तरह रख सकता है. बाद में अगर फिजिकर गोल्ड लेने का मन हो तो ईजीआर को सरेंडर करके इसकी फिजिकल डिलिवरी भी करवा सकते हैं. ईजीआर क्रिएट करने, उसके डिपॉजिट और निकासी, स्टोरेज और सुरक्षा के साथ शिकायतों को सुलझाने का काम वॉल्ट मैनेजर्स करेंगे.

गोल्ड एक्सचेंज के आने से निवेशकों के साथ ही गोल्ड मार्केट को भी कई फायदे मिलेंगे. गोल्ड एक्सचेंज बनने से पारदर्शी तरीके से सोने की घरेलू स्पॉट कीमतें तय हो सकेंगी. इसके अलावा सोने की शुद्धता भी सुनिश्चित होगी. अभी गोल्ड के दाम हर शहर में अलग होते हैं जिन्हें ज्वेलर्स तय करते हैं. एक्सचेंज में ट्रेड से सोने का जो मूल्य पता चलेगा उसे इंडिया गोल्ड प्राइस के तौर पर जाना जा सकता है.

इस एक्सचेंज को इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की तरफ से लॉन्च किया जाएगा. यह मुंबई का एक बुलियन एसोसिएशन है. बता दें कि गोल्ड की खपत में चीन के बाद भारत का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा स्थान है. कीमतों के मोर्चे पर भारत को गोल्ड एक्सचेंज से कई तरह के फायदे मिलेंगे. आईबीजेए में देशभर के गोल्ड डीलर्स, ट्रेडर्स और ज्वेलर्स शामिल हैं. यह संगठन देश में पहला गोल्ड एक्सचेंज बनाने की तैयारी कर रहा है. गोल्ड एक्सचेंज से सोने की स्टैंडर्ड प्राइसिंग हो सकेगी और चूंकि इसकी मदद से ज्वेलर्स, ट्रेडर्स, बैंक और खरीदार आसानी से सोना खरीद सकेंगे, लिहाजा कैश ट्रांजेक्शन भी बढ़ेगा.

भारत में अभी निवेशकों के पास सोना खरीदने के सीमित तरीके हैं. फिजिकल गोल्ड आप पड़ोस के ज्वेलर से खरीद सकते हैं. पेटीएम, Kuvera और Indiagold जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए डिजिटल फॉर्म में सोना खरीदा जा सकता है. सरकार भी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करती है. गोल्ड ईटीएफ या म्युचुअल फंड्स के गोल्ड फंड्स में भी निवेश किया जा सकता है.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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