New Year Plan: सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का कोयला सेक्टर 2026 में बड़े ढांचागत बदलावों की ओर बढ़ रहा है. दो सहायक कंपनियों की शेयर बाजार में लिस्टिंग से लेकर कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए फंडिंग बढ़ाने तक की रणनीति आने वाला साल सेक्टर के लिए निर्णायक साबित हो सकती है.
सीएमपीडीआई का जल्द आएगा आईपीओ
कोयला मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कोल इंडिया की इकाई भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) को 2026 में शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने का रास्ता साफ हो गया है. इसके साथ ही सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीआईएल) भी आईपीओ लाने की तैयारी में है. इन लिस्टिंग्स से न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि कोल सेक्टर में पूंजी निवेश को भी मजबूती मिलेगी.
खनन सुधारों पर सरकार का फोकस
केंद्र सरकार विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कोयला और खनन क्षेत्र में व्यापक सुधार लागू कर रही है. इन सुधारों का उद्देश्य जटिल मंजूरी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, कमजोर माल रवानगी व्यवस्था को मजबूत करना और खदानों में सुरक्षा प्रोटोकॉल को बेहतर करना है. सरकार का मानना है कि इससे ऊर्जा क्षेत्र अधिक आत्मनिर्भर और मजबूत बनेगा.
ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा
ये सुधार पहल भारत की राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेंगी, आयात पर निर्भरता कम करेंगी और 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद करेंगी.
तकनीकी क्रांति की ओर खनन क्षेत्र
स्वच्छ और अधिक कुशल ऊर्जा उत्पादन की दिशा में 2026 में खनन क्षेत्र तकनीकी बदलावों से गुजरेगा. कोयला कंपनियां उन्नत तकनीक आधारित खनन विधियों को अपनाने पर जोर देंगी, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा.
कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा
सरकार देश की बढ़ती ऊर्जा और रासायनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के वित्तपोषण में तेजी ला सकती है. इसका मकसद कच्चे तेल और गैस के आयात को घटाना और स्वदेशी ऊर्जा स्रोतों का बेहतर उपयोग करना है.
महत्वपूर्ण खनिज बने रणनीतिक संपत्ति
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा के अनुसार, दुर्लभ पृथ्वी तत्व, पोटाश और टंग्स्टन जैसे महत्वपूर्ण खनिज अब सामान्य कच्चे माल नहीं रह गए हैं. स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, ग्रिड विस्तार और उन्नत विनिर्माण की बढ़ती मांग ने इन्हें रणनीतिक संपत्ति में बदल दिया है.
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कोल सेक्टर के लिए परिवतर्नकारी हो सकता है साल 2026
कुल मिलाकर, 2026 भारत के कोयला और खनन क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी वर्ष साबित हो सकता है. सरकार का लिस्टिंग, तकनीकी इनोवेशन, खनन सुधार और रणनीतिक खनिजों पर फोकस है और ये सभी कदम देश को ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक मजबूती की दिशा में आगे ले जाने वाले हैं.
भाषा इनपुट के साथ
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