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Meta का AI में भारी निवेश: जानिए भविष्य की डिजिटल रणनीति

Meta AI: मेटा कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है. कंपनी ने अपनी हालिया दूसरी तिमाही की आय रिपोर्ट में यह जानकारी दी है कि वह 2025 तक अपने डेटा सेंटर और सर्वर जैसे बुनियादी ढांचे पर लगभग 66 से 72 अरब डॉलर (लगभग 5700 अरब से 6300 अरब रुपये) खर्च करेगी.

Meta AI: मेटा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बुनियादी ढांचे में अरबों डॉलर के विशाल निवेश की घोषणा करके तकनीकी दुनिया में हलचल मचा दी है। यह कदम कंपनी की भविष्य की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे वह AI क्रांति की इस दौड़ में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहती है। जकरबर्ग का लक्ष्य डेटा सेंटर, सुपरकंप्यूटर और AI चिप्स में भारी निवेश करके अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मेटावर्स परियोजनाओं को AI की नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। इस बड़े निवेश से न केवल AI के क्षेत्र में ज़बरदस्त प्रतिस्पर्धा बढ़ने वाली है, बल्कि यह भविष्य में यूज़र्स के अनुभव और डिजिटल इंटरैक्शन को पूरी तरह से बदल सकता है।

मेटा का एआई में भारी निवेश: भविष्य की दिशा

एआई के बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश

मेटा कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है. कंपनी ने अपनी हालिया दूसरी तिमाही की आय रिपोर्ट में यह जानकारी दी है कि वह 2025 तक अपने डेटा सेंटर और सर्वर जैसे बुनियादी ढांचे पर लगभग 66 से 72 अरब डॉलर (लगभग 5700 अरब से 6300 अरब रुपये) खर्च करेगी. यह 2024 की तुलना में लगभग 2600 अरब रुपये की एक बड़ी वृद्धि है. कंपनी का कहना है कि यह निवेश एआई मॉडल और यूजर अनुभव को बेहतर बनाने के लिए बहुत जरूरी है. मेटा के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) सुसान ली ने बताया कि एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं बनाना सबसे आधुनिक मॉडल विकसित करने और यूजर्स को बेहतरीन अनुभव देने के लिए आवश्यक है. कंपनी अपने एआई विस्तार के अधिकांश हिस्से को खुद ही फंड करने की योजना बना रही है, लेकिन वह भविष्य के डेटा केंद्रों को सह-विकसित करने और उनकी लागत साझा करने के लिए वित्तीय संस्थाओं के साथ रणनीतिक साझेदारी पर भी विचार कर रही है.

एआई के विकास के लिए नए केंद्र

मेटा एआई के लिए दो बड़े “टाइटन क्लस्टर” बना रही है: प्रोमेथियस और हाइपीरियन. प्रोमेथियस ओहियो में बनाया जा रहा है और 2026 तक इसकी कंप्यूटिंग क्षमता 1 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है. वहीं, लुइसियाना में बन रहा हाइपीरियन अंततः 5 गीगावाट तक बढ़ सकता है, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी एआई कंप्यूटिंग सुविधाओं में से एक बन जाएगा. इन बड़े और अधिक ऊर्जा लेने वाले प्रोजेक्ट्स को लेकर पर्यावरण संबंधी चिंताएं भी सामने आई हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, जॉर्जिया में मेटा की एक सुविधा पहले ही स्थानीय जल संकट से जुड़ी हुई है, जिससे स्थिरता समर्थकों की आलोचना हुई है. मेटा अपने एआई इंफ्रास्ट्रक्चर में ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) को बड़े पैमाने पर शामिल कर रही है. 2024 के अंत तक, मेटा का लक्ष्य 350,000 एनवीडिया H100 GPU को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर में शामिल करना है, जिससे कुल कंप्यूट पावर लगभग 600,000 H100 के बराबर हो जाएगी. कंपनी अपने इन-हाउस मेटा ट्रेनिंग एंड इनफेरेंस एक्सीलरेटर (MTIA) प्रोग्राम का भी उपयोग करेगी, जो पुराने जीपीयू-आधारित सर्वर को बदलेगा और लंबी अवधि में इंफ्रास्ट्रक्चर लागत को कम करेगा, साथ ही प्रदर्शन में सुधार करेगा.

मेटा की एआई रणनीति और लक्ष्य

मार्क जुकरबर्ग, मेटा के CEO, ने एआई को लेकर अपनी महत्वाकांक्षाएं स्पष्ट की हैं. उनका लक्ष्य ऐसी एआई प्रणाली बनाना है जो इंसान की सोच को समझ सके और खुद को बेहतर कर सके. वे “व्यक्तिगत सुपरइंटेलिजेंस” (Personal Superintelligence) विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि एआई सिस्टम यूजर्स के व्यक्तिगत लक्ष्यों में सहायता करेंगे. जुकरबर्ग का मानना है कि भविष्य में एआई से लैस स्मार्ट ग्लास स्मार्टफोन का स्थान ले लेंगे. उन्होंने कहा है कि जिनके पास एआई चश्मा नहीं होगा, वे दूसरों से पीछे रह जाएंगे. मेटा आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) विकसित करने की दौड़ में शामिल हो गया है, जिसका लक्ष्य ऐसी एआई बनाना है जो लगभग किसी भी क्षेत्र में मानव बुद्धिमत्ता का मुकाबला कर सके या उससे आगे निकल सके. जुकरबर्ग ने यह भी कहा है कि मेटा का लक्ष्य AGI को ओपन-सोर्स के रूप में सभी के लिए उपलब्ध कराना है. इस रणनीति का उद्देश्य पारदर्शिता, जांच और विश्वास लाना है, जिससे एआई का विकास सबके लिए फायदेमंद हो सके.

प्रतिस्पर्धा और मानव संसाधन

एआई के क्षेत्र में मेटा का निवेश उसे गूगल, एप्पल और ओपनएआई जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में ला खड़ा करता है. कंपनी अपनी एआई टीम को मजबूत करने के लिए सक्रिय रूप से एआई विशेषज्ञों को नियुक्त कर रही है. हाल ही में, मेटा ने शेंगजिया झाओ को अपनी नई मेटा सुपरइंटेलिजेंस लैब (MSL) का मुख्य वैज्ञानिक नियुक्त किया है, जो ChatGPT और GPT-4 के सह-निर्माताओं में से एक हैं. झाओ एलेक्जेंडर वांग (जो स्केल एआई के पूर्व CEO हैं और अब एजीआई विकास का नेतृत्व कर रहे हैं) और जुकरबर्ग के साथ मिलकर सुपरइंटेलिजेंस लैब के लिए वैज्ञानिक दिशा और अनुसंधान रणनीति तय करेंगे. मेटा ने स्केल एआई में 14. 3 अरब डॉलर का निवेश किया है, जो एआई के लिए डेटा लेबलिंग का काम करती है. इस अधिग्रहण से मेटा की लामा मॉडल और अन्य एआई एजेंटों के लिए डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा. मेटा ने अपनी एआई टीमों को दो समूहों में बांटा है: एक एआई उत्पाद टीम और एक एजीआई फाउंडेशन यूनिट. यह पुनर्गठन एआई क्षेत्र में कंपनी की बढ़ती प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है. इन भारी निवेशों और प्रतिभा अधिग्रहण के बावजूद, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मेटा को अभी भी ओपनएआई और गूगल डीपमाइंड (डीपसीक) जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, खासकर अपने लामा 4 मॉडल के प्रदर्शन को लेकर.

वित्तीय स्थिति और भविष्य की संभावनाएं

भारी निवेश के बावजूद, मेटा की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है. कंपनी ने दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर राजस्व दर्ज किया है, जिसका मुख्य कारण एआई-संचालित विज्ञापन उपकरण हैं. मेटा ने 2025 की तीसरी तिमाही के लिए भी 47. 5 अरब डॉलर से 50. 5 अरब डॉलर के राजस्व की उम्मीद जताई है. कंपनी के शेयर मूल्य में भी उछाल देखा गया है, जो निवेशकों के मेटा की एआई रणनीति के प्रति आशावाद को दर्शाता है. मेटा का यह विशाल निवेश केवल सोशल मीडिया या मेटावर्स के बारे में नहीं है, बल्कि यह हर उत्पाद और सेवा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एकीकृत करने के बारे में है. कंपनी का लक्ष्य विज्ञापन निर्माण को पूरी तरह से स्वचालित करना है, जिससे ब्रांड उत्पाद विवरण और बजट दर्ज कर सकें और एआई रचनात्मकता, प्लेसमेंट और वास्तविक समय में अनुकूलन को संभाले. यह न केवल छोटे व्यवसायों के लिए विज्ञापन निर्माण को सरल बनाएगा, बल्कि मेटा की 1 ट्रिलियन डॉलर के वैश्विक विज्ञापन बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने की क्षमता को भी बढ़ाएगा.

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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