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लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने से निवेशकों में छायी निराशा, सेंसेक्स ने लगाया 1,069 अंकों का गोता

बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 1,069 अंक का गोता लगा गया. विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड-19 से जुड़ी सार्वजनिक पाबंदियों की समय सीमा 31 मई तक बढ़ाए जाने तथा सरकार के वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज से घरेलू निवेशकों में अभी भरोसा न जगाने से बाजार का उत्साह ठंडा रहा.

मुंबई : बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 1,069 अंक का गोता लगा गया. विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड-19 से जुड़ी सार्वजनिक पाबंदियों की समय सीमा 31 मई तक बढ़ाए जाने तथा सरकार के वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज से घरेलू निवेशकों में अभी भरोसा न जगाने से बाजार का उत्साह ठंडा रहा. बैंक और वाहन कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली के बीच 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,068.75 अंक यानी 3.44 फीसदी लुढ़ककर 30,028.98 अंक जबकि एनएसई निफ्टी 313.60 अंक यानी 3.43 फीसदी टूटकर 8,823.25 अंक पर बंद हुआ.

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सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में इंडसइंड बैंक रहा. इसमें करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी. इसके अलावा, एचडीएफसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक और अल्ट्राट्रेक सीमेंट में भी गिरावट दर्ज की गयी. वहीं, टीसीएस, इन्फोसिस, आईटीसी और एचसीएल टेक नुकसान में रहे. आनंद राठी के इक्विटी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि गृह मंत्रालय के कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए ‘लॉकडाउन’ 31 मई तक बढ़ाये जाने के बाद कारोबारी और निवेशक बाजार से दूर रहे.

उन्होंने कहा कि जो राहत पैकेज की घोषणा की गयी है, ऐसा लगता है कि वह मांग पक्ष में सुधार को लेकर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप नहीं है. इसके कारण घरेलू बाजार में बिकवाली देखी गयी. सरकार ने प्रोत्साहन पैकेज की पहली चार किस्तों में छोटे कारोबारियों को कर्ज सुविधा उपलब्ध कराने और बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के जरिये नये कोष के गठन पर जोर दिया है. इसमें बजट से इतर व्यय बहुत कम था. वहां रविवार को पैकेज की पांचवीं किस्त में गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में काम कर रही सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की योजना की घोषणा की गयी.

इसके अलावा, कर्ज चूक की वजह से दिवाला मामले पर एक साल के लिए रोक लगा दी गयी तथा प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए आवंटन में 40,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की गयी. वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख के बावजूद इस सप्ताह घरेलू बाजार की शुरूआत गिरावट के साथ हुई. वैश्विक बाजारों में तेजी का कारण दुनिया के विभिन्न देशों में ‘लॉकडाउन’ पाबंदियों को हटाते हुए कंपनियों को सतर्कता के साथ काम शुरू करने की अनुमति देना है. शंघाई, हांगकांग, तोक्यो और सोल लाभ के साथ बंद हुए, जबकि यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी रही.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल मानक ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 4.55 फीसदी बढ़कर 33.98 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया. इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला बढ़कर 96,169 पहुंच गया, जबकि 3,029 लोगों की मौत हुई है. वहीं, वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या 47.13लाख पहुंच गयी, जबकि 3.15 लाख लोगों की मौत हुई है.

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