11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

नेपाल पहुंचकर कितना हो जाता है भारत का रुपया, भाव जानकर चौंक जाएंगे आप

Indian Rupees: भारत का 1 रुपया नेपाल में कितना होता है? यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे. मौजूदा समय में भारतीय रुपये का मूल्य लगभग 1.60 नेपाली रुपये के बराबर है. यानी, भारत के 100 रुपये नेपाल में करीब 160 रुपये की क्रय शक्ति देते हैं. इस स्थिर विनिमय दर से यात्रियों और व्यापारियों को सीधा फायदा मिलता है.

Indian Rupees: भारत का पड़ोसी देश Gen Z के हिंसक प्रदर्शन की वजह से अशांत है. सरकार के खिलाफ इनके उग्र प्रदर्शन की वजह से सत्तासीन नेताओं को अपने-अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ गया है. चूंकि, नेपाल भारत का पड़ोसी राष्ट्र है, इसलिए इसका उसके साथ बेटी-रोटी का रिश्ता है. नेपाल में होने वाली किसी भी घटना का सीधा प्रभाव भारत पर भी देखने को मिलता है. ऐसे में, इस बात की भी चर्चा है कि नेपाल पहुंचकर भारत के रुपये का भाव कितना हो जाता है? इसका कारण यह है कि नेपाली मूल के लोग भारत में भी काम करते हैं और यहां से वे अपने परिजनों को पैसा भेजते हैं. इसके साथ ही, भारत के लोग नेपाल घूमने के लिए भी जाते हैं. इसलिए यह जानना बेहद जरूरी हो गया है कि नेपाल में भारतीय रुपये का मूल्य कितना हो जाता है? आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

भारत-नेपाल की मुद्रा संबंधी वास्तविकता

भारत और नेपाल के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्ते गहरे हैं. दोनों देशों की भौगोलिक नजदीकी और आपसी व्यापारिक संबंधों के कारण यहां की मुद्राओं का महत्व बढ़ जाता है. खासकर, यात्रियों और व्यापारियों के लिए यह जानना जरूरी है कि भारत का 100 रुपया नेपाल में कितने रुपये के बराबर होता है.

मौजूदा विनिमय दर

वर्तमान समय में भारत के 1 रुपये का नेपाल में मूल्य करीब 1.60 नेपाली रुपया होता है. इसका मतलब है कि अगर आपके पास भारत के 100 रुपये हैं, तो नेपाल में यह करीब 159.50 से 160 नेपाली रुपये तक के बराबर होता है. अगर आप भारत से 1000 रुपये लेकर नेपाल जाएंगे, तो आपको वहां पर करीब 1600 नेपाली रुपये मिलेंगे.

1994 में रुपये के साथ पेग हुआ था नेपाली रुपया

नेपाल की मुद्रा को भारतीय रुपए से स्थिर रूप में जोड़ा गया है. 1994 से नेपाल सरकार ने इसे आधिकारिक रूप से भारतीय रुपये के साथ पेग कर दिया है. इसका अर्थ है कि भारत और नेपाल के बीच मुद्रा विनिमय दर स्थिर रहती है और बड़े उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिलते. इसके इतिहास पर नजर डालें, तो नेपाल ने 1932 में भारतीय मोहर के स्थान पर अपनी आधिकारिक मुद्रा जारी की थी. तब से अब तक भारतीय रुपये के साथ इसका सीधा संबंध कायम रहा है.

यात्रियों और व्यापारियों पर असर

नेपाल यात्रा करने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए यह विनिमय दर फायदेमंद रहती है. भारत का 100 रुपया वहां 160 रुपये की क्रय शक्ति दे देता है, जिससे स्थानीय सामान खरीदना, होटल में ठहरना या दैनिक खर्च करना अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है. इसी तरह, छोटे व्यापारी जो भारत और नेपाल के बीच वस्तुओं का आयात-निर्यात करते हैं, उन्हें भी इस दर की जानकारी होना बेहद आवश्यक है.

इसे भी पढ़ें: 8वें वेतन आयोग से बदलेगी सरकारी कर्मचारियों की तकदीर, जानें 7वें वेतन आयोग से कितना होगा अलग

भारत के 100 रुपये नोट का महत्व

भारत के 100 रुपये का नोट जुलाई 2018 से महात्मा गांधी नई सीरीज का हिस्सा है. इसका बैंगनी रंग और उन्नत सुरक्षा फीचर्स इसे नकली नोटों से बचाता है. इस नोट की वजह से भारत और नेपाल के बीच लेन-देन और भी सुविधाजनक हो गया है, क्योंकि यह आसानी से स्वीकार्य है.

इसे भी पढ़ें: कौन हैं इंजीनियर से रैपर बने नेपाल के बालेन शाह, जिनकी लाखों में होती है आमदनी

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel