Dead Economy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘डेड’ बताने वाले दावे को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने सिरे से खारिज कर दिया है. IMF ने साफ किया है कि भारत की अर्थव्यवस्था संकट में नहीं है और यह अभी भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. यह खंडन ऐसे समय आया है जब भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर वैश्विक स्तर पर बहस छिड़ी हुई है. IMF के इस बयान से उन चिंताओं को कम करने में मदद मिलेगी जो ट्रंप के बयान से पैदा हुई थीं और यह भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का स्पष्टीकरण
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए कुछ बयानों का खंडन किया है. ये बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए थे, जिसमें उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘डेड’ बताया था. आईएमएफ ने अपने ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य अपडेट’ (World Economic Outlook Update) में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाया है, जो इन दावों के विपरीत है.
ट्रंप के बयान और उसका संदर्भ
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाओं को ‘डेड’ बताया था. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है, वे दोनों मिलकर अपनी ‘मरी हुई अर्थव्यवस्थाओं’ को और नीचे गिरा सकते हैं. यह टिप्पणी भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद आई थी. ट्रंप के इस बयान पर भारतीय राजनीति में काफी चर्चा हुई और विपक्ष ने भी इसे उठाया.
आईएमएफ का भारत की अर्थव्यवस्था पर अनुमान
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है. आईएमएफ ने अपने नवीनतम ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य अपडेट’ में वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6. 4 प्रतिशत कर दिया है. पहले अप्रैल में जारी डब्ल्यूईओ में चालू वित्त वर्ष के लिए यह अनुमान 6. 2 प्रतिशत था. यह वृद्धि मुख्य रूप से अधिक अनुकूल बाहरी वातावरण और बेहतर वित्तीय स्थितियों के कारण हुई है. आईएमएफ ने यह भी कहा है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा और अगले दो साल तक कोई देश भारत को टक्कर देने की स्थिति में नहीं है.
आईएमएफ ने अपनी “वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक” रिपोर्ट में कहा है कि उसने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 0. 2 प्रतिशत यानी 20 आधार अंकों से बढ़ाकर 6. 4% कर दिया है. अगले वित्त वर्ष 2026-27 के लिए भी ग्रोथ अनुमान को 0. 1 प्रतिशत यानी 10 आधार अंकों से बढ़ाकर 6. 4% किया गया है.
भारत सरकार का पक्ष
भारत सरकार ने भी ट्रंप के दावों का जोरदार खंडन किया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत महज एक दशक में ‘नाजुक पांच’ अर्थव्यवस्थाओं में से एक से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है. उन्होंने संसद में बताया कि भारत 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है. यह भी उम्मीद है कि भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अप्रत्यक्ष रूप से ट्रंप की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है.
आंकड़ों का विश्लेषण
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति ट्रंप के बयान के विपरीत काफी मजबूत है.
| संकेतक | विवरण |
|---|---|
| वैश्विक विकास में योगदान | भारत वैश्विक आर्थिक विकास में लगभग 16% का योगदान देता है. |
| जीडीपी वृद्धि दर (2023) | 2023 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 9. 2% रही. |
| जीडीपी वृद्धि दर (2025-26 अनुमान) | आईएमएफ के अनुसार 6. 4% |
| जीडीपी वृद्धि दर (आरबीआई अनुमान FY26) | 6. 5% |
| वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में स्थान | भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. शीर्ष तीन देश अमेरिका, चीन और जर्मनी हैं. जापान पांचवें स्थान पर है. |
| नॉमिनल जीडीपी वृद्धि (10 वर्ष) | 2014-15 में ₹106. 57 ट्रिलियन से बढ़कर 2024-25 में ₹331. 03 ट्रिलियन हो गई, यानी तिगुनी वृद्धि. |
स्काटिश इतिहासकार और भारत इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल ने भी डोनाल्ड ट्रंप के दावे का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि भारत एक ‘डेड इकोनॉमी’ नहीं, बल्कि अमेरिका से दोगुनी रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. उन्होंने यह भी अनुमान लगाया कि इस साल भारत की अर्थव्यवस्था अमेरिका की तुलना में तीन गुना तेजी से बढ़ेगी. आईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2025 और 2026 दोनों में 6. 4% की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि अमेरिका की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 1. 9% और 2% रहने का अनुमान है.
आर्थिक मजबूती के कारण
आईएमएफ और अन्य विशेषज्ञ भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के कई कारण बताते हैं:
- मजबूत घरेलू मांग
- डिजिटल विस्तार
- सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधार और डिजिटलाइजेशन के प्रयास
- निजी क्षेत्र में निवेश में वृद्धि
- बुनियादी ढांचे में बढ़ता निवेश
- निर्यात में सुधार
- उपभोक्ता मांग में मजबूती
- वैश्विक स्तर पर अनुकूल परिस्थितियाँ और बाहरी स्थिरता का लाभ
- बेहतर मानसून के कारण कृषि क्षेत्र का मजबूत बने रहना
- ब्याज दर में कमी से उद्योग क्षेत्र में कर्ज और निवेश में वृद्धि
भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां
आईएमएफ ने भारत के लिए सकारात्मक अनुमान जताए हैं, लेकिन कुछ जोखिमों के प्रति भी आगाह किया है. इनमें अमेरिका में मुद्रास्फीति का लक्ष्य से ऊपर बने रहना, वैश्विक व्यापार में टैरिफ बढ़ने का खतरा और भू-राजनीतिक तनाव (जैसे युद्ध या क्षेत्रीय विवाद) से आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान शामिल हैं. हालांकि, भारत को उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है. भारत को अपनी विकास दर को बनाए रखने और गरीबी तथा असमानता जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि क्षेत्र में सुधार, बुनियादी ढांचे में निवेश जारी रखने और व्यापार प्रतिबंधों को हटाने जैसे क्षेत्रों पर काम करना होगा.
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