India US Trade Talks: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर भारी टैरिफ लगाए जाने के बाद आखिरकार अमेरिका को भारत के सामने घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ा. ट्रंप के टैरिफ की वजह से भारत-अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता अचानक बेपटरी हो गई थी. भारत के प्रतिनिधि वाशिंगटन जाकर वार्ता कर आए थे. अमेरिकी प्रतिनिधि को 25-29 अगस्त के बीच भारत आना था, लेकिन ट्रंप ने रूसी तेल खरीद के नाम पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाकर वार्ता के बीच रोड़ा अटकाने का काम किया था. अब खबर है कि सोमवार की रात अमेरिका के मुख्य व्यापार वार्ताकार ब्रेंडन लिंच भारत के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार वार्ता (बीटीए) पर बातचीत के लिए भारत आने वाले हैं.
लिंच की भारत यात्रा महत्वपूर्ण
अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि (दक्षिण एवं पश्चिम एशिया) ब्रेंडन लिंच भारत-अमेरिका के बीच व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) सहित 15 देशों के साथ अमेरिकी व्यापार नीति के क्रियान्वयन की देखरेख करते हैं. उनकी यह यात्रा बीटीए वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
बीटीए वार्ता की स्थिति
भारत और अमेरिका के बीच अब तक पांच दौर की व्यापार वार्ता हो चुकी है. छठा दौर 25 से 29 अगस्त के बीच होना तय था, लेकिन अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% शुल्क लगाने के फैसले के बाद इसे स्थगित कर दिया गया. इस निर्णय ने भारतीय निर्यात पर गहरा असर डाला और बीटीए की प्रगति भी धीमी हो गई.
भारतीय पक्ष की तैयारी
भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि यह बैठक औपचारिक रूप से छठा दौर नहीं होगी. लेकिन, यह आगे की दिशा तय करने वाली चर्चा जरूर होगी. उनके अनुसार, बातचीत का मकसद यह समझना है कि भारत और अमेरिका किस तरह से समझौते तक पहुंच सकते हैं.
ऑनलाइन संवाद जारी
उन्होंने ने बताया कि दोनों देश ऑनलाइन माध्यम से साप्ताहिक बातचीत करते रहे हैं. हालांकि, अनुकूल माहौल न होने की वजह से ज्यादा प्रगति नहीं हो पाई थी. अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया सकारात्मक बयानों ने वार्ता के लिए माहौल को बेहतर बनाया है.
सकारात्मक संकेत और भविष्य की संभावना
पिछले सप्ताह ट्रंप और मोदी के सोशल मीडिया बयानों से यह उम्मीद जगी है कि दोनों देश सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को संपन्न करने की दिशा में बढ़ सकते हैं. वाणिज्य मंत्रालय का मानना है कि इस बार की चर्चा आगामी दौर के लिए मूलभूत तैयारी साबित होगी.
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नई दिल्ली की बैठक से जगी उम्मीद
अमेरिकी शुल्क नीति से उपजे तनाव ने बीटीए की गति को धीमा कर दिया था, लेकिन नई दिल्ली में हो रही यह बैठक फिर से उम्मीद जगा रही है. यदि बातचीत में सकारात्मक सहमति बनी, तो भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों को नई ऊर्जा मिल सकती है और आने वाले महीनों में बीटीए के पहले चरण का रास्ता साफ हो सकता है.
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