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भारत–ईयू एफटीए वार्ता अंतिम चरण में, 27 जनवरी को हो सकती है बड़ी घोषणा

India-EU FTA Negotiations: भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. दोनों पक्ष 27 जनवरी को होने वाले शिखर सम्मेलन में व्यापार समझौते, रक्षा सहयोग और रणनीतिक एजेंडा को अंतिम रूप दे सकते हैं. कृषि, शराब और उत्पत्ति नियमों पर सहमति बन चुकी है, जबकि स्टील, कार और सीबीएएम पर बातचीत जारी है. इस सौदे से भारत-ईयू व्यापार को नई गति मिलने और वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में साझेदारी मजबूत होने की उम्मीद है.

India-EU FTA Negotiations: भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच जारी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की वार्ता निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. दोनों पक्ष 27 जनवरी को होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में एफटीए, रक्षा रूपरेखा समझौता और एक व्यापक रणनीतिक एजेंडा को अंतिम रूप दे सकते हैं. पीटीआई-भाषा से बात करने वाले शीर्ष राजनयिक सूत्रों ने बताया कि यह व्यापार समझौता एक जीवंत दस्तावेज होगा, जिसे भविष्य में भी नए अध्यायों और मुद्दों के समाधान के लिए अपग्रेड किया जा सकेगा.

वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत–ईयू सहयोग की मजबूती

यूरोपीय संघ के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि वर्तमान वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों में भारत एक भरोसेमंद साझेदार बनकर उभरा है. अमेरिका की व्यापारिक नीति में अनिश्चितताओं के बीच यूरोपीय संघ भारत और फ्रांस के साथ मिलकर वैश्विक संचालन व्यवस्था को नया स्वरूप देना चाहता है. एक अधिकारी ने कहा, भारत उन कुछ बड़े साझेदारों में से है, जिन पर हम भरोसा कर सकते हैं.

कृषि और शराब पर सहमति, कुछ मुद्दे अब भी लंबित

एफटीए वार्ता में कई महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. कृषि बाजार पहुंच और शराब से जुड़े जटिल मुद्दों को दोनों पक्ष पहले ही सुलझा चुके हैं. वहीं, रूल्स ऑफ ओरिजिन से जुड़े प्रावधानों में भी सकारात्मक बढ़त दर्ज की गई है. हालांकि, स्टील, ऑटोमोबाइल, और ईयू की कार्बन सीमा कर प्रणाली (सीबीएएम) जैसी प्रमुख चुनौतियां अभी भी समाधान की प्रतीक्षा में हैं.

12 अध्याय पूरे, अंतिम आठ पर तेजी से वार्ता

भारतीय और यूरोपीय संघ की टीम अब तक एफटीए के कुल 12 अध्याय पूरे कर चुकी है. बाकी के बचे आठ अध्यायों पर काम करने के लिए नई दिल्ली और ब्रसेल्स के बीच लगभग रोजाना वार्ता जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन पहले ही दिसंबर तक समझौता अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं.

क्यों अहम है यह समझौता?

यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. वित्त वर्ष 2023–24 में भारत–ईयू का द्विपक्षीय व्यापार 135 अरब अमेरिकी डॉलर रहा. एफटीए लागू होने पर भारतीय निर्यातकों के लिए यूरोपीय बाजार में शुल्क बाधाएं कम होंगी. निवेश प्रवाह में वृद्धि होगी. सप्लाई चेन अधिक स्थिर होंगी और रक्षा और टेक्नोलॉजी साझेदारी भी मजबूत होगी. दोनों पक्ष वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं को स्थिर बनाने और व्यापारिक जोखिमों को कम करने की सामूहिक रणनीति पर भी काम कर रहे हैं.

दिसंबर में भारत आएंगे ईयू ट्रेड कमिश्नर

यूरोपीय संघ के व्यापार आयुक्त मारोस सेफ्कोविक दिसंबर के पहले सप्ताह में भारत आएंगे, ताकि शेष अध्यायों पर वार्ता को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके और 27 जनवरी तक अंतिम प्रारूप तैयार हो सके.

रूस–भारत संबंधों के बीच खास महत्व

भारत–ईयू शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी कर चुका है. इससे यूरोपीय संघ और भारत दोनों वैश्विक रणनीतिक समीकरणों को संतुलित रूप से आगे बढ़ाने में जुटे हैं. यह भी अनुमान है कि यूरोपीय संघ का शीर्ष नेतृत्व 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो सकता है. हालांकि, आधिकारिक घोषणा बाकी है.

2026 में भारत, ईयू, फ्रांस मिलकर तय करेंगे वैश्विक एजेंडा

सूत्रों के अनुसार, यूरोपीय संघ चाहता है कि 2026 में भारत ब्रिक्स का नेतृत्व करे और फ्रांस जी7 की अध्यक्षता संभाले. इससे तीनों देश मिलकर विश्व के लिए एक साझा रणनीतिक ढांचा बना सकेंगे. 2027 को अधिक चुनौतीपूर्ण वर्ष माना जा रहा है, जहां चीन ब्रिक्स और ब्रिटेन जी20 की अध्यक्षता करेंगे.

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वैश्विक चुनौतियों पर संयुक्त कार्रवाई

दोनों पक्ष शिखर सम्मेलन में निम्न क्षेत्रों में संयुक्त रणनीति का खाका तैयार कर सकते हैं. इनमें जलवायु परिवर्तन, वैश्विक सुरक्षा, रक्षा सहयोग, साइबर सुरक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां शामिल हैं. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा ने कहा, एक बहुध्रुवीय विश्व मजबूत बहुपक्षीय सहयोग की मांग करता है और इस माहौल में भारत यूरोपीय संघ का स्वाभाविक रणनीतिक साझेदार है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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