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नई कर व्यवस्था : 1 अप्रैल से वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में बढ़ जाएगी निवेश की सीमा, जानें कैसे?

सरकार समर्थित बचत साधन के तौर पर यदि आपकी उम्र 50 या 60 साल हो गई है और एक रिटायर्ड कर्मचारी हैं, तो आप वरिष्ठ नागरिक बचत योजना का लाभ ले सकते हैं. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना का 5 वर्षों की होती है, जिसे तीन साल तक बढ़ाने का विकल्प दिया जाता है.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश किए गए बजट में भारत के बुजुर्गों को निवेश पर अधिक और सुरक्षित रिटर्न प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) और डाकघर मासिक आय जैसी लोकप्रिय योजनाओं में निवेश की सीमा में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या करीब 10 करोड़ 40 लाख के आसपास है और वरिष्ठ नागरिकों के सुरक्षित रिटायरमेंट लाइफ के लिए फाइनेंशियल बैकअप बेहद महत्वपूर्ण है. यदि आप एक रिटायर्ड परसन हैं, तो आपके फाइनेंशियल स्टेटस को वित्त मंत्री के द्वारा की गई ये घोषणा कितनी मदद करेगी? आइए जानते हैं…

वरिष्ठ नागरिक योजना की निवेश सीमा को बढ़ाएगी नई कर व्यवस्था

सरकार ने वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में निवेश की सीमा को दोगुना करने का प्रस्ताव दिया है. नई सीमा को मौजूदा 15 लाख रुपये से संशोधित करके 30 लाख रुपये किया जाएगा. वर्तमान समय में आप वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में न्यूनतम 1000 रुपये की रकम जमा करके निवेश शुरू कर सकते हैं. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना उच्च ब्याज दर, टैक्स बेनिफिट्स और मासिक-त्रैमासिक ब्याज भुगतान के कारण एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है. सरकार समर्थित बचत साधन के तौर पर यदि आपकी उम्र 50 या 60 साल हो गई है और एक रिटायर्ड कर्मचारी हैं, तो आप वरिष्ठ नागरिक बचत योजना का लाभ ले सकते हैं. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना का 5 वर्षों की होती है, जिसे तीन साल तक बढ़ाने का विकल्प दिया जाता है. इसी प्रकार, डाकघर मासिक आय योजना के तहत एकल खाते के जरिए डिपॉजिट लिमिट 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और ज्वाइंट खाते की सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपये की जा सकती है. बचत को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई इस योजना की अवधि 5 साल है.

टैक्स से छूट का लाभ

अब चूंकि दोनों योजनाएं वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षित और नियमित आमदनी बढ़ाने में मदद करती है, तो इन बचत योजनाओं में निवेश की सीमा बढ़ाने से वरिष्ठ नागरिकों को एक और नियमित आय का साधन मिलेगा. इसके अलावा, बजट 2023 में नई कर व्यवस्था के तहत 5 लाख रुपये की की टैक्स से छूट का प्रस्ताव किया गया है, जो टैक्स पेमेंट के मामले में फायदेमंद साबित हो सकता है.

नई-पुरानी कर व्यवस्था के फायदे

भारत में आयकर की दो अलग-अलग व्यवस्थाएं हैं. इनमें पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था शामिल है. पुरानी कर व्यवस्था आपको कुछ टैक्स कटौती और छूट का लाभ दिला सकती है, जो नई कर व्यवस्था के तहत नहीं मिलता. टैक्सपेयर्स के सामने हर साल कर व्यवस्था का चयन करने का विकल्प दिया जाता है. हालांकि, व्यवसाय से होने वाली आमदनी पर टैक्सपेयर्स को किसी प्रकार का विकल्प प्रदान नहीं किया जाता.

ऐसे समझें पूरी बात

एक वरिष्ठ नागरिक 1 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट से ब्याज अर्जित करता है. उनकी कर योग्य किराए की आमदनी 3 लाख है. यह देखते हुए कि उन्होंने वरिष्ठ नागरिक बचत योजना से सालाना 8 फीसदी की दर से ब्याज अर्जित किया है. तब, बजट 2023 के तहत प्रस्तावित नई कर व्यवस्था के तहत विभिन्न परिदृश्यों का प्रभाव कैसा होगा?

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कैसे मिलेगा लाभ

बजट से पहले वरिष्ठ नागरिक ने 15 लाख रुपये जमा किए हैं और बजट के बाद वे 30 लाख रुपये की सीमा तक अतरिक्त रकम जमा करेंगे. ऐसी स्थिति में आप देखेंगे कि मौजूदा आय के साथ टैक्स पर कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. इसके अलावा, प्रस्तावित नई कर व्यवस्था से भी कोई अतिरिक्त लाभ नहीं होगा. हालांकि, यदि अतिरिक्त डिपॉजिट किए जाते हैं, तो उनकी आमदनी में वृद्धि होती है. अब यदि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में अतिरिक्त रकम जमा कराई जाती है, तो उन्हें पुरानी कर व्यवस्था की तुलना में नई कर व्यवस्था के तहत लाभ होगा. अब नई कर व्यवस्था के तहत निवेशक को कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन पुरानी कर व्यवस्था के तहत 15 लाख रुपये के अतिरिक्त निवेश पर 29,120 रुपये के टैक्स का भुगतान करना होगा.

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