Gold Price Todays: हरियाली तीज जैसे शुभ अवसर पर अगर आप अपनी पत्नी को गोल्डन रिंग गिफ्ट करने की सोच रहे हैं, तो यह सही समय है. सोमवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में 200 रुपये की गिरावट दर्ज की गई. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, 99.9% शुद्धता वाला सोना 200 रुपये टूटकर 1,00,170 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि पिछले सत्र में यह 1,00,370 रुपये पर बंद हुआ था.
99.5% शुद्धता वाला सोना भी सस्ता
दिल्ली के सर्राफा बाजार में 99.5% शुद्धता वाला सोना भी 150 रुपये की गिरावट के साथ 99,900 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गया. यह पिछले कारोबारी सत्र में 1,00,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. विश्लेषकों का कहना है कि सोने के भाव में यह गिरावट मुख्य रूप से डॉलर की मजबूती और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी की वजह से आई है.
चांदी की कीमत स्थिर रही
सोने की तुलना में चांदी की कीमतों में कोई बदलाव दर्ज नहीं किया गया. सर्राफा संघ के अनुसार, चांदी 1,15,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर स्थिर रही. हालांकि, वैश्विक बाजार में हाजिर चांदी 0.17% की गिरावट के साथ 38.78 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी.
वैश्विक बाजार का असर
न्यूयॉर्क के बाजार में हाजिर सोना भी 0.26% गिरकर 3,363.45 डॉलर प्रति औंस पर आ गया. विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी रोजगार बाजार के आंकड़े और पीसीई मुद्रास्फीति रिपोर्ट इस सप्ताह सोने-चांदी की कीमतों की दिशा तय करेंगे. यदि रोजगार बाजार कमजोर होता है, तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिससे सोने की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल सकती है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी के मुताबिक, डॉलर की मजबूती और बॉन्ड यील्ड बढ़ने से सोने के दामों पर दबाव आया है. वहीं, मिराए एसेट शेयरखान के प्रवीण सिंह का कहना है कि अमेरिकी रोजगार बाजार कमजोर पड़ने पर सोने के भाव में सकारात्मक रुख देखने को मिलेगा. मेहता इक्विटीज के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने बताया कि जैक्सन हॉल संगोष्ठी में अमेरिकी फेड चेयरमैन जेरोम पावेल की नरम टिप्पणियों ने पिछले सप्ताह सोने-चांदी की कीमतों को सहारा दिया था.
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निवेशकों के लिए संकेत
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली एफओएमसी बैठक 16-17 सितंबर को होने वाली है. निवेशकों की निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं, क्योंकि यहां से ब्याज दरों में कटौती को लेकर महत्वपूर्ण संकेत मिल सकते हैं. अगर कटौती होती है, तो सोना फिर से निवेशकों की पहली पसंद बन सकता है.
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