GST Evasion: जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) अधिकारियों ने टैक्स चोरी का बड़ा खुलासा किया है. वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीएसटी अधिकारियों ने तंबाकू उत्पादों से जुड़ी कर चोरी के 61 मामलों का खुलासा किया है. इसमें सिगरेट और पान मसाला समेत अवैध तंबाकू उत्पादों से जुड़ी 104.38 करोड़ रुपये की कर चोरी सामने आई. वस्तु एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) और दूसरे प्राधिकारियों ने इन मामलों की जांच की.
बड़ी मात्रा में अवैध सिगरेट की जब्ती
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) और सीमा शुल्क कार्यालयों ने जून 2025 तक करीब 3.93 करोड़ सिगरेट जब्त की हैं. पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में भी प्रवर्तन एजेंसियों (असम राइफल्स और सीआरपीएफ) ने 600 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सिगरेट जब्त की थी.
अवैध व्यापार का बढ़ता खतरा
सोना, तंबाकू और शराब जैसी वस्तुओं पर उच्च कर दरें लगाई जाती हैं. इनकी उच्च मांग और मुनाफा अक्सर तस्करी और कर चोरी को बढ़ावा देता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व हानि होती है और प्रवर्तन एजेंसियों पर बोझ बढ़ता है. सीबीआईसी के पूर्व चेयरमैन और फिक्की कैस्केड के सलाहकार पीसी झा ने कहा कि सिगरेट पर अत्यधिक कर दरें कर चोरी का मुख्य कारण हैं और अब जबकि सरकार जीएसटी को सरल बनाने की दिशा में बढ़ रही है, यह समय उच्च-मुनाफे वाले उत्पादों पर कर दरें तर्कसंगत बनाने का भी है.
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सरकार का नया कदम: ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ प्रणाली
कर चोरी रोकने के लिए सरकार ने तंबाकू और संबंधित उत्पादों के निर्माताओं पर विशेष व्यवस्था लागू की है. इसके तहत पान मसाला, तंबाकू और इससे बने उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देना अनिवार्य होगा. वित्त अधिनियम-2025 में संशोधन के बाद सरकार को इन वस्तुओं पर एक व्यापक ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ तंत्र लागू करने का अधिकार मिल गया है. इस व्यवस्था के उल्लंघन पर विशेष दंड प्रावधान भी जोड़े गए हैं.
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