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सरकार को लक्ष्य से अधिक टैक्स कलेक्शन की उम्मीद, अक्टूबर तक 6 लाख करोड़ रुपये की हुई है वसूली

एक साक्षात्कार में केंद्रीय राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार का कर संग्रहण चालू वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान से अधिक रहेगा. हालांकि, पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती तथा खाद्य तेल पर सीमा शुल्क में कमी से सरकारी खजाने पर चालू वित्त वर्ष में करीब 80,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.

नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार को चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान लक्ष्य से अधिक कर संग्रह की उम्मीद है. सरकार को लक्ष्य से अधिक कर संग्रह होने की उम्मीद इस बात को लेकर जगी है कि इस साल के अक्टूबर महीने तक प्रत्यक्ष कर से उसे तकरीबन 6 लाख करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई है. राजस्व सचिव तरुण बजाज ने मीडिया को बताया कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अक्टूबर तक प्रत्यक्ष कर से सरकार को 6 लाख करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ है. इसके साथ ही, चालू वित्त वर्ष के दौरान हर महीने जीएसटी कलेक्शन औसतन 1.15 लाख करोड़ रुपये है.

समाचार एजेंसी भाषा को दिए एक साक्षात्कार में केंद्रीय राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार का कर संग्रहण चालू वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान से अधिक रहेगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती तथा खाद्य तेल पर सीमा शुल्क में कमी से सरकारी खजाने पर चालू वित्त वर्ष में करीब 80,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.

दिसंबर से गणना होगी शुरू

बजाज ने कहा कि राजस्व विभाग दिसंबर के अग्रिम कर के आंकड़े सामने आने के बाद बजट अनुमान की तुलना में कर संग्रह की गणना शुरू करेगा. उन्होंने कहा कि रिफंड के बाद भी अक्टूबर तक हमारा कर संग्रह करीब छह लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यह अच्छा दिख रहा है. उम्मीद है कि हम बजट अनुमान को पार कर लेंगे.

पेट्रोल-डीजल के दाम पर राहत से बढ़ा बोझ

राजस्व सचिव बजाज ने कहा कि हालांकि, हमने पेट्रोल-डीजल और खाद्य तेल पर अप्रत्यक्ष करों में काफी राहत दी है. यह लाभ करीब 75,000 से 80,000 करोड़ रुपये का है. इसके बावजूद उम्मीद है कि हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर दोनों में बजट अनुमान को पार करेंगे.

2020-21 20.2 लाख करोड़ रहा कर संग्रह

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने चालू वित्त वर्ष में कर संग्रहण 22.2 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है. यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.5 फीसदी अधिक है. वित्त वर्ष 2020-21 में कर संग्रह 20.2 लाख करोड़ रुपये रहा था. कुल कर संग्रह में प्रत्यक्ष कर का हिस्सा 11 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इसमें 5.47 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट कर और 5.61 लाख करोड़ रुपये का आयकर शामिल है.

नवंबर में बंपर रहा जीएसटी संग्रह

जीएसटी संग्रह को लेकर राजस्व सचिव बजाज ने कहा कि नवंबर का संग्रह अच्छा रहा है, लेकिन दिसंबर का आंकड़ा थोड़ा कम रहेगा. मार्च तिमाही में जीएसटी संग्रह फिर बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह अच्छा है. अक्टूबर में हमने 1.30 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया. इस महीने भी दिवाली की वजह से हमारा आंकड़ा अच्छा रहेगा.

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1.15 लाख करोड़ से नीचे नहीं जाएगा जीएसटी का रन रेट

उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह का ‘रन रेट’ 1.15 लाख करोड़ रुपये से नीचे नहीं जाएगा. चालू वित्त वर्ष में सीमा शुल्क संग्रह का लक्ष्य 1.36 लाख करोड़ रुपये और उत्पाद शुल्क संग्रह का लक्ष्ष्य 3.35 लाख करोड़ रुपये है. इसके अलावा केंद्र का जीएसटी राजस्व (मुआवजा सेस सहित) 6.30 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.

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