Gold vs SIP: लंबे समय तक लगातार बचत करने से अच्छी रकम तैयार हो सकती है. लेकिन इतनी सारी निवेश योजनाओं के बीच सही विकल्प चुनना कभी-कभी मुश्किल हो जाता है. आमतौर पर लोग गोल्ड, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे साधनों में पैसा लगाते हैं.
हर निवेश का अपना फायदा और जोखिम होता है. कम अवधि के लिए शेयर बाज़ार वाले फंड सही नहीं माने जाते क्योंकि इनमें बहुत उतार-चढ़ाव होता है. ऐसे समय में लोग एफडी, डेब्ट फंड या हाइब्रिड फंड चुनते हैं. वहीं लंबी अवधि के लिए शेयर और गोल्ड दोनों अच्छे माने जाते हैं क्योंकि समय के साथ ये बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. तो चलिए इसी चीज को क्रैक करने के लिए समझते है कि कौनसा फंड आपको बेहतर रिटर्न देगा.
गोल्ड और इक्विटी में क्या फर्क है?
गोल्ड को सुरक्षित निवेश माना जाता है. लंबे समय में यह लगभग 10% सालाना रिटर्न दे सकता है. दूसरी तरफ म्यूचुअल फंड में शेयरों से जुड़े होने के कारण कभी-कभी बहुत ज्यादा रिटर्न मिल जाता है, लेकिन इसमें जोखिम भी ज्यादा होता है.
Gold vs SIP (15 साल की अवधि)
मान लीजिए आप ₹3,000 प्रति माह निवेश करते है तो दोनों ऑप्शन में कौन बेहतर रिटर्न देगा इसके लिए टेबल पर नजर डालते है.
| निवेश विकल्प | रिटर्न अनुमान | कुल निवेश (15 साल) | अनुमानित रिटर्न | कुल मूल्य (15 साल बाद) |
|---|---|---|---|---|
| SIP (म्यूचुअल फंड) | 12% | ₹5,40,000 | ₹9,73,728 | ₹15,13,728 |
| गोल्ड निवेश | 10% | ₹5,40,000 | ₹7,13,773 | ₹12,53,773 |
कौन-सा विकल्प बेहतर?
अंकड़ों से साफ है कि SIP लंबी अवधि में गोल्ड से ज्यादा रिटर्न दे सकता है. लेकिन इसमें खतरा भी ज्यादा होता है. गोल्ड उतना तेज रिटर्न नहीं देता, पर पैसा सुरक्षित रहता है. आपका फैसला आपकी जोखिम लेने की क्षमता और भविष्य के लक्ष्यों पर निर्भर करता है. बड़ा निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से राय लेना फायदे का सौदा होता है.
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