Gold-Silver Price: सोना-चांदी की कीमतों में पिछले कई दिनों से तेजी देखने को मिल रही थी. लेकिन सोमवार 15 सितम्बर 2025 को बाजार बंद होते-होते इसमें गिरावट दर्ज की गई. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक 24 कैरेट सोना घटकर ₹1,09,511 प्रति 10 ग्राम और चांदी फिसलकर ₹1,27,791 प्रति किलो पर आ गई.
दिल्ली बाजार का हाल
दिल्ली के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना-चांदी दोनों नई ऊंचाई पर पहुंचे थे. उस दिन सोना ₹1,13,800 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹1,32,000 प्रति किलो के ऐतिहासिक स्तर पर दर्ज हुई. यह इस साल का सबसे ऊंचा स्तर माना जा रहा है.
आज का सोने-चांदी का भाव (15 सितम्बर 2025)
| शुद्धता/धातु | सुबह का रेट | दोपहर का रेट | शाम का रेट |
|---|---|---|---|
| सोना 24 कैरेट | ₹1,09,707 | ₹1,09,603 | ₹1,09,511 |
| सोना 23 कैरेट | ₹1,09,268 | ₹1,09,164 | ₹1,09,072 |
| सोना 22 कैरेट | ₹1,00,492 | ₹1,00,396 | ₹1,00,312 |
| सोना 18 कैरेट | ₹82,280 | ₹82,202 | ₹82,133 |
| सोना 14 कैरेट | ₹64,179 | ₹64,118 | ₹64,064 |
| चांदी (999) | ₹1,28,008 | ₹1,27,763 | ₹1,27,791 |
सालभर की तेजी
31 दिसम्बर 2024 को सोने की कीमत ₹78,950 प्रति 10 ग्राम थी, यानी इस साल सोना अब तक लगभग 44% महंगा हो चुका है. वहीं चांदी की कीमत में लगभग 47% की वृद्धि दर्ज हुई है.
क्यों बदल रहे हैं दाम?
- वैश्विक मांग: अमेरिका और यूरोप में सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने-चांदी की डिमांड लगातार बढ़ रही है.
- ब्याज दरों की उम्मीद: फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की अटकलें तेज हैं, जिससे निवेशक सोने-चांदी की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
- औद्योगिक मांग: खासतौर पर चांदी की खपत इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में तेजी से बढ़ी है.
- सीमित आपूर्ति: खपत ज्यादा और सप्लाई सीमित रहने से कीमतों पर दबाव बना हुआ है.
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल सोना और चांदी की तेजी बरकरार रहने की संभावना है. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सौमिल गांधी का कहना है कि अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के चलते कीमती धातुओं में तेजी बनी हुई है. वहीं, मिराए एसेट शेयरखान के प्रवीण सिंह का मानना है कि सोने का सकारात्मक रुख अभी जारी रहेगा.
दूसरी ओर, अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता का कहना है कि निवेशकों की नजर फेडरल रिजर्व के फैसलों और अमेरिका में हो रही राजनीतिक घटनाओं पर टिकी हुई है. इसके अलावा, रिलायंस सिक्योरिटीज के जिगर त्रिवेदी का मानना है कि चांदी की ऊंची कीमतों के पीछे औद्योगिक क्षेत्रों से लगातार बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति प्रमुख कारण हैं.
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