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Gold Mining: किर्गिस्तान में मिला सोने का खजाना, डेक्कन गोल्ड माइंस करेगी खुदाई

Gold Mining: किर्गिस्तान में डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड ने अपनी आल्टिन टोर गोल्ड परियोजना के लिए प्री-कमिशनिंग टेस्ट शुरू कर दिए हैं. इस चरण में 20,000 से 30,000 टन स्वर्ण अयस्क का प्रसंस्करण किया जाएगा. परियोजना से बिक्री योग्य गोल्ड कन्संट्रेट तैयार होगा. यह कदम कंपनी के वैश्विक विस्तार और भारत के गोल्ड माइनिंग सेक्टर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

Gold Mining: सोने और महत्वपूर्ण खनिजों की खोज एवं खनन से जुड़ी देश की अग्रणी कंपनी डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड ने किर्गिस्तान में अपनी स्वर्ण खनन परियोजना को लेकर बड़ा कदम उठाया है. कंपनी ने सोमवार को घोषणा की है कि उसने किर्गिस्तान स्थित अपनी गोल्ड माइनिंग परियोजना के वाणिज्यिक संचालन से पहले शुरुआती परीक्षण (प्री-कमिशनिंग टेस्ट्स) शुरू कर दिए हैं. यह कदम परियोजना के पूरी तरह शुरू होने से पहले तकनीकी और व्यावसायिक क्षमता को परखने के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है.

20,000 से 30,000 टन अयस्क का होगा प्रसंस्करण

डेक्कन गोल्ड माइंस ने बताया कि इस परीक्षण चरण के दौरान करीब 20,000 से 30,000 टन स्वर्ण अयस्क (ओर) का प्रसंस्करण किया जाएगा. इस प्रक्रिया से प्राप्त सोने को बिक्री योग्य कन्संट्रेट या गोल्ड बिस्कुट के रूप में तैयार किया जाएगा. इसका उद्देश्य क्रमिक और पूर्ण संचालन से पहले प्रोसेसिंग प्लांट के प्रदर्शन का प्रारंभिक सत्यापन करना है, ताकि भविष्य में उत्पादन के दौरान किसी भी तकनीकी जोखिम को कम किया जा सके.

आल्टिन टोर गोल्ड परियोजना की शुरुआत

कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि किर्गिस्तान में स्थित आल्टिन टोर गोल्ड प्रोजेक्ट को चालू करने से पहले यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. यह परियोजना डेक्कन गोल्ड माइंस की अंतरराष्ट्रीय रणनीति का अहम हिस्सा है, जिसके जरिए कंपनी भारत के बाहर भी अपनी खनन क्षमताओं का विस्तार कर रही है.

भरोसेमंद खनन संपत्ति बनाने का लक्ष्य

डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हनुमान प्रसाद मोदाली ने कहा कि जैसे-जैसे यह परियोजना वाणिज्यिक संचालन की ओर बढ़ रही है. कंपनी का फोकस एक ऐसी खनन संपत्ति विकसित करने पर है, जो वैश्विक स्तर पर विश्वसनीय हो. उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना से न सिर्फ भारत की अंतरराष्ट्रीय पहचान मजबूत होगी, बल्कि किर्गिस्तान की स्थानीय समुदायों को भी स्थायी आर्थिक और सामाजिक लाभ मिलेगा.

भारत की पहली सूचीबद्ध गोल्ड एक्सप्लोरेशन कंपनी

डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड भारत की पहली और एकमात्र सूचीबद्ध सोने की खोज कंपनी है. कंपनी के पास भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना एवं अन्य महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़ी मजबूत संपत्तियां हैं.

कई देशों में फैला है कंपनी का पोर्टफोलियो

डेक्कन गोल्ड माइंस का प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो बेहद व्यापक है. कंपनी की परियोजनाएं भारत में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में फैली है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोजाम्बिक, किर्गिस्तान और फिनलैंड जैसे क्षेत्रों में भी इसकी व्यापक पकड़ है. इससे साफ है कि कंपनी वैश्विक खनन बाजार में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करा रही है.

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काफी महत्वपूर्ण है किर्गिस्तान में खुदाई

किर्गिस्तान में सोने की खुदाई से पहले शुरू हुआ यह परीक्षण चरण डेक्कन गोल्ड माइंस के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है. अगर परियोजना सफल रहती है, तो यह न सिर्फ कंपनी की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि भारत के गोल्ड माइनिंग सेक्टर को भी वैश्विक मंच पर नई पहचान दिला सकती है.

भाषा इनपुट के साथ

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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