नई दिल्ली : भारत के सबसे बड़े अमीर उद्योगपति गौतम अडाणी के स्वामित्व वाली अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) देश के सबसे बड़ी अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) की शेयर बिक्री में करीब 10 से 15 फीसदी तक की छूट दे रही है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने बुधवार को 20,000 करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के लिए शेयर बाजारों के समक्ष पेशकश पत्र दाखिल किया. एईएल अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी के अगुवाई वाले समूह की प्रमुख कंपनी है.
27 जनवरी को खुलेगा एफपीओ
एईएल की पेशकश पत्र के मुताबिक, एईएल का एफपीओ 27 जनवरी को खुलेगा और 31 जनवरी को बंद होगा. एफपीओ के तहत कंपनी ने शेयरों की बिक्री के लिए मूल्य दायरा 3,112 से 3,276 रुपये प्रति शेयर तय किया है. पेशकश मूल्य बीएसई पर बुधवार को कंपनी के शेयर के बंद भाव 3,595.35 रुपये से कम है. एफपीओ से मिले 20,000 करोड़ रुपये में से 10,869 करोड़ रुपये का इस्तेमाल हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं, मौजूदा हवाई अड्डों के विकास और नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए किया जाएगा. इसके अलावा 4,165 करोड़ रुपये से हवाई अड्डों, सड़क और सौर परियोजना क्षेत्र की अनुषंगी कंपनियों द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाया जाएगा.
चार प्रमुख उद्योग क्षेत्रों में है अडाणी का दबदबा
बता दें कि भारत के सबसे बड़े अमीर उद्यमियों में शुमार गौतम अडाणी (60) ने एक व्यापारी के रूप में शुरुआत की थी और आज उनका कारोबार बंदरगाह, कोयला खनन, हवाई अड्डा, डेटा केंद्रों और सीमेंट के साथ ही हरित ऊर्जा तक फैला है. एईएल भारत का सबसे बड़ी सूचीबद्ध व्यापार इनक्यूबेटर है और चार प्रमुख उद्योग क्षेत्रों ऊर्जा और उपयोगिता, परिवहन और लॉजिस्टिक, उपभोक्ता और प्राथमिक उद्योग में शामिल है.
एईएल पर 40 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज
एईएल ने कहा कि हमने पिछले कुछ वर्षों में अडाणी समूह के लिए नए कारोबार की स्थापना में मदद की है. उन्हें बड़े और आत्मनिर्भर व्यावसायिक खंड की तरह विकसित किया और बाद में उन्हें स्वतंत्र रूप से सूचीबद्ध मंच के रूप में अलग किया. कंपनी के वर्तमान पोर्टफोलियो में एक हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र, डेटा केंद्र, हवाई अड्डे, सड़कें, खाद्य एफएमसीजी, डिजिटल, खनन, रक्षा और औद्योगिक विनिर्माण शामिल हैं. कंपनी नए अवसरों से फायदा उठा रही है, जिसमें हरित हाइड्रोजन, विमानन क्षेत्र और डेटा केंद्र शामिल हैं. एईएल का कर्ज 30 सितंबर, 2022 तक 40,023.50 करोड़ रुपये था.