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क्या एआई और रोबोट के चलते 10-20 साल में ऑप्शनल हो जाएगी नौकरी? जानें क्या कहते हैं Elon Musk

Elon Musk: एलन मस्क का कहना है कि अगले 10-20 साल में एआई और रोबोट के कारण इंसानों के लिए नौकरी करना ऑप्शनल हो जाएगा. टेस्ला के ऑप्टिमस रोबोट समेत ऑटोमेशन तेजी से काम संभालेंगे, जिससे काम का ढांचा बदल सकता है. विशेषज्ञ जहां एआई से नौकरी खतरे में मानते हैं, वहीं मस्क भविष्य में पैसा भी महत्वहीन होने की बात कहते हैं. यूनिवर्सल इनकम जैसे मॉडल पर भी चर्चा तेज हो रही है.

Elon Musk: टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक बार फिर टेक्नोलॉजी के भविष्य पर बड़ा दिया है. पिछले बुधवार को वाशिंगटन डीसी में आयोजित यूएस-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम में एलन मस्क ने दावा किया कि एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और रोबोट की वजह से अगले 10 से 20 सालों में इंसानों के लिए काम करना ऑप्शनल हो जाएगा. उन्होंने इस विचार को बेहद सरल उदाहरण से समझाया. उन्होंने कहा कि आने वाले 10-20 सालों में नौकरी वैसी ही हो जाएगी, जैसे कोई चाहे तो बाजार से सब्जी खरीदता है और कोई शौक से अपने घर में उगाता है. बिल्कुल इसी तरह नौकरी करना भी “पसंद” या “शौक” का विषय बनकर रह जाएगा, मजबूरी नहीं.

रोबोटिक्स और एआई बदल देंगे जॉब मार्केट

एलन मस्क ने कहा, अगले दो दशकों में दुनिया में लाखों रोबोट सक्रिय होंगे, जो इंसानों की जगह अधिकांश काम संभाल लेंगे. उन्होंने कहा कि रोबोट इतनी दक्षता और निरंतरता के साथ काम करेंगे कि कंपनियों की प्रोडक्टिविटी कई गुना बढ़ जाएगी. यही कारण है कि एलन मस्क टेस्ला को केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी नहीं, बल्कि एक रोबोटिक्स और एआई-ऑपरेटेड भविष्य की कंपनी के रूप में डेवलप करना चाहते हैं. टेस्ला के “ऑप्टिमस” ह्यूमनॉइड रोबोट को लेकर मस्क की महत्वाकांक्षा बड़ी है. उनका दावा है कि भविष्य में टेस्ला की 80% वैल्यू सिर्फ ऑप्टिमस रोबोट से आ सकती है, भले ही इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन में देरी चल रही हो.

एआई से नौकरियों पर खतरा?

फॉर्च्यून डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, जहां टेस्ला के सीईओ एलन मस्क एआई को एक यूटोपियन यानी आदर्श भविष्य के रूप में पेश करते हैं, वहीं वास्तविक दुनिया में कई विशेषज्ञ इस पर चिंता जाहिर कर रहे हैं. उनका कहना है कि एंट्री-लेवल जॉब्स पर एआई का सबसे तेज असर दिख रहा है. उन्होंने कहा कि कंटेंट राइटिंग, कस्टमर सपोर्ट, डेटा एंट्री और बेसिक कोडिंग जैसी नौकरियां पहले ही खतरे में हैं. कई अध्ययनों में यह आशंका जताई जा रही है कि एआई के चलते जेन जी का जॉब मार्केट और अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है और आय वृद्धि की गति भी धीमी पड़ सकती है. ऐसे में एलन मस्क का “काम ऑप्शनल” वाला भविष्य हर किसी को स्वीकार्य नहीं.

पैसे की जरूरत भी खत्म हो जाएगी?

एलन मस्क की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि भविष्य में पैसे की भी कोई अहमियत नहीं रहेगी. उनकी यह सोच साइंस फिक्शन लेखक इयान एम बैंक्स की प्रसिद्ध “कल्चर सीरीज” से प्रेरित है. इसमें एक ऐसी दुनिया की कल्पना की गई है, जहां सुपरइंटेलिजेंट एआई सब कुछ संभालते हैं और मनुष्यों को न नौकरी करनी पड़ती है और न ही पैसों की जरूरत होती है. मस्क ने कहा कि यदि रोबोटिक्स और एआई इसी गति से आगे बढ़ते रहे, तो ऐसी अर्थव्यवस्था आ सकती है, जहां “मनी” का महत्व खत्म हो जाएगा और संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी.

यूनिवर्सल इनकम का कॉन्सेप्ट फिर चर्चा में

एलन मस्क ने दोहराया कि भविष्य का समाज शायद यूनिवर्सल हाई इनकम पर चलेगा. इसका मतलब यह है कि लोगों को बिना किसी शर्त के आय प्रदान की जाएगी. यह विचार ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन के यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) कॉन्सेप्ट से मिलता-जुलता है. हालांकि, एलन मस्क ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह व्यवस्था व्यवहार में कैसे लागू होगी और फंडिंग का स्रोत क्या होगा.

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क्या वाकई नौकरी खत्म हो जाएगी?

यह सच है कि एआई तेजी से कामों को ऑटोमेट कर रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि नई तकनीक कई नई नौकरियां भी पैदा करेगी. फिलहाल एलन मस्क की भविष्यवाणी मानव समाज के लिए एक बड़ा प्रश्न छोड़ती है. क्या हम उस दुनिया के लिए तैयार हैं, जहां काम एक ऑप्शन हो और पैसा महत्वहीन?

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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