Budget: मोदी सरकार के सत्ता में वापसी के बाद से सब की निगाहें आगामी बजट पर टिकी हुई हैं. यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट होगा. यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को पूर्ण बजट पेश करेगी. यह लगातार निर्मला सीतारमण का अब तक का सातवां बजट होगा. इससे पहले निर्मला सीतारमण ने अब तक वित्त मंत्री के रूप में अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान 6 बार बजट पेश किए हैं. इससे पहले 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश किया गया था. पिछले बजट में जनता को कुछ खास लाभ नहीं प्राप्त हुआ था. इस बार जनता को बजट से काफी उम्मीदें है. बजट में सरकार हर तबके के लोगों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है. तो आईए जानते हैं इस बजट में आम आदमी के लिए क्या हो सकता है खास.
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टैक्स रिजिम में बदलाव
बजट 2024 में कर व्यवस्था को लेकर कई तरह की उम्मीदें लगाई जा रही है. खासकर वेतन भोगी और मिडिल क्लास को बजट से राहत की उम्मीद मिल सकती हैं. सरकार से उम्मीद की जा रही है कि आधारभूत कर छूट सीमा में वृद्धि हो सकती है. मौजूदा समय में पुरानी कर व्यवस्था में सीमा 2.5 लाख रुपये है और नहीं कर व्यवस्था में ₹3,00,000 है. सरकार से उम्मीद की जा रही है सीमा को बढ़ाकर ₹5,00,000 कर दी जाए. लोग उम्मीद कर रहे है कि टेक्स स्लैब में भी कुछ बदलाव किए जा सकते हैं. जैसे 5,00,000 से 10 लाख रुपये वाले स्लैब को बढ़ाया जा सकता है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि ₹500000 से 10 लाख रुपये के बीच इनकम पर 10%, 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच 20% और 20 लाख रुपये से अधिक की आय पर 25% टैक्स लगाया जाना चाहिए.
बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी
इस बार सरकार से उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में कर्मचारी भविष्य निधि EPF में योगदान के लिए बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का ऐलान किया जा सकता है. इसे ₹15000 से बढ़कर ₹25000 करने की मांग की जा रही है. यह प्रस्ताव श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा रखा गया. अगर सरकार यह बदलाव करती है तो यह पूरे 10 साल के बाद पहली बार बेसिक सैलरी में बदलाव होगा.
Budget में पेट्रोल डीजल पर लग सकता है GST
सरकार से उम्मीद की जा रही है कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर लगने वाले सभी तरह के टैक्स हटाकर GST लागू कर दिया जाए. पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर अभी एक्साइज ड्यूटी और वेट जैसे टैक्स लगाए जाते हैं. अगर अलग-अलग टैक्स को हटाकर सिर्फ जीएसटी लागू कर दिया जाता है तो पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दाम में कमी आ सकती है. जिससे इंडस्ट्री के साथ-साथ आम आदमी को भी बहुत राहत मिल सकती है. यदि एक्साइज ड्यूटी और VAT को हटाकर उनके स्थान पर जीएसटी लागू कर दिया जाता है तो पेट्रोल डीजल की कीमतें सस्ती हो सकती है. जिससे फ्यूल की कीमतों में भी राहत मिल सकती है.
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