Jio Blackrock: ब्लैकरॉक और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने मिलकर भारत में एक बड़ा कदम उठाया है. दोनों कंपनियों ने मिलकर “अलादीन” नाम का एक इन्वेस्टमेंट और रिस्क मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है, जो अब भारतीय बाजार में भी उपलब्ध है. इसे “जियो ब्लैकरॉक” नाम के 50:50 जॉइंट वेंचर के तहत पेश किया गया है.
क्या है “अलादीन”?
अलादीन (ALADDIN – Asset, Liability, Debt and Derivative Investment Network) एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो निवेश के फैसलों को बेहतर बनाने, रिस्क को मैनेज करने और पोर्टफोलियो को ट्रैक करने में मदद करता है. दुनिया की बड़ी-बड़ी इन्वेस्टमेंट कंपनियां और फंड मैनेजर्स पहले से ही इसका इस्तेमाल करती आ रही हैं. अब भारतीय निवेशक भी इसका लाभ उठा सकेंगे.
लॉन्च के मौके पर क्या कहा गया?
कंपनी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि निवेश करना आसान होना चाहिए और निवेश आपके लिए काम करना चाहिए. जियो का डिजिटल फोकस और ब्लैकरॉक की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट विशेषज्ञता मिलकर एक ऐसा समाधान बना रही है, जो खास तौर पर भारतीय निवेशकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
भारत में शुरुआत की पूरी तैयारी
SEBI से मंजूरी
मई के अंत में जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड को SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से मंजूरी मिल गई, जिससे वह भारत में म्यूचुअल फंड बिज़नेस शुरू कर सके.
नई नियुक्तियां
कंपनी ने अपने टॉप लेवल पर अहम नियुक्तियां की हैं.
अमित भोसले – चीफ रिस्क मैनेजमेंट ऑफिसर
अमोल पई – चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर
बिरजा त्रिपाठी – प्रोडक्ट हेड
कितना हुआ निवेश?
इस साल की शुरुआत में दोनों कंपनियों ने जॉइंट वेंचर में ₹66.5 करोड़ (लगभग $7.78 मिलियन) का निवेश किया था, जिससे अब तक कुल निवेश ₹84.5 करोड़ हो चुका है.
क्यों है ये कदम खास?
भारत में म्यूचुअल फंड और निवेश की दुनिया तेजी से बढ़ रही है.
डीमैट अकाउंट की संख्या लगातार बढ़ रही है.
लोग स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
हाई इनकम वाले लोग (जिनकी सालाना इनकम ₹1 करोड़ से ज्यादा है) अब ज्यादा संख्या में सामने आ रहे हैं.
पिछले 5 सालों में ऐसे लोगों की संख्या में हर साल 15% की बढ़त हुई है. अगले 5 सालों में इनकी संख्या 3.4 लाख तक पहुंचने का अनुमान है.
भविष्य की संभावनाएं
इस जॉइंट वेंचर से भारत के एसेट मैनेजमेंट सेक्टर में नई ऊर्जा आएगी.
नए निवेशकों को बेहतर टूल्स मिलेंगे, जिससे वो सुरक्षित और स्मार्ट निवेश कर पाएंगे.
इसके साथ ही भारत का म्यूचुअल फंड सेक्टर और भी डिजिटल, पारदर्शी और यूजर-फ्रेंडली बन जाएगा.
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