तोक्यो : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि दुनिया में सबसे बड़ी ‘नोटबंदी’ के बाद सिस्टम में नया कैश डालने का काम पूरा हो गया है. इससे टैक्स के दायरे का विस्तार होगा. नवंबर, 2016 को सरकार ने नोटबंदी की घोषणा की थी. इससे चलन से 86.4 फीसदी मुद्रा बाहर हो गयी. इस समय वित्त मंत्री जापान के दौरे पर हैं. इस दौरान वे सीआइआइ, भारतीय दूतावास और जापान चैंबर ऑफ कॉमर्स के परिचर्चा सत्र ‘भारत में कारोबारी माहौल: सुधार एवं अवसर’ को संबोधित कर रहे थे. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि भारत एक कर अनुपालन वाला समाज नहीं है. अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कैश सेंटर्ड है. इसके हल के लिए राजनीतिक साहस की जरूरत है. उम्मीद जतायी कि इससे आनेवाले दिनों में कराधान का दायरा बढ़ेगा.
इसे भी पढ़ें : नोटबंदी से अगले दो साल तक 6.5 फीसदी से अधिक नहीं होगी आर्थिक वृद्धि : चिदंबरम
बैंकों की हालत सुधरने के बाद ही सरकार करेगी हिस्सेदारी में कटौती
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी को कम करके 52 फीसदी तक कर सकती है, लेकिन यह कदम बैंकों की हालत सुधरने के बाद उठाया जायेगा. इस प्रक्रिया में जो धन मिलेगा, उसे बैंकों की पूंजी बढ़ाने में इस्तेमाल किया जायेगा. फंसे कर्जों की बढ़ती समस्या के लिए सरकार ने रिजर्व बैंक को नये अधिकार दिये हैं. सरकार ने रिजर्व बैंक को अधिकार दिया है कि वह बैंकों को ऋण चूककर्ताओं के खिलाफ दिवाला शोधन कानून के तहत कार्रवाई का आदेश सके. बैंक एनपीए वसूली के लिए सलाह देनेवाली समितियां भी बना सकता है. सरकार ने बैंकों में 10,000 करोड़ डालने का प्रबंधन किया है.
जीएसटी में आसानी से पकड़े जा सकेंगे नकली बिल
देश में एक जुलाई से लागू होनेवाली जीएसटी में जाली बिलों को पकड़ने और धोखाधड़ी रोकने के लिए चालान का आपस में मिलान करने की प्रणाली है. वित्त मंत्री जेटली ने यह जानकारी दिग्विजय सिंह लिखे एक पत्र में दिया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था के तहत इनपुट कर का क्रेडिट लेने के लिए बिल चालान का आपस में मिलान करने की प्रणाली है. जेटली ने कहा कि जीएसटी सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसमें संभावित कर चोरी और नकली बिल के जरिये धोखा रोका जा सकेगा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.