8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 8वीं वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू करने का संकेत दिया है. यदि यह मंजूर हो जाता है, तो लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनरों की वित्तीय स्थिति पर सीधा असर पड़ेगा. सूत्रों के अनुसार, आयोग की घोषणा 2026 तक की जा सकती है, हालांकि कुछ रिपोर्ट्स इसे 2027 तक स्थगित होने का भी अनुमान जताती हैं.
हाल ही में सरकार और कर्मचारियों के प्रतिनिधि संगठन, Government Employees National Confederation (GENC), के बीच केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई. मंत्री ने बताया कि राज्य सरकारों के साथ भी बातचीत जारी है और जल्द ही आधिकारिक घोषणा की संभावना है.
त्योहारों के मौसम को देखते हुए यह कदम कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी साबित हो सकता है. सूत्रों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के साथ ही महंगाई भत्ते (DA) में 3 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है. इससे देशभर के 1.2 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारकों को सीधा लाभ मिलेगा. GST राहत के बाद यह कदम उन्हें और वित्तीय राहत प्रदान करेगा.
न्यूनतम मूल वेतन में संभावित बड़ा इजाफा
8वीं वेतन आयोग की संभावित सिफारिशों में सबसे महत्वपूर्ण पहलू न्यूनतम मूल वेतन (Minimum Basic Pay) में वृद्धि है. वर्तमान में यह ₹18,000 है, और नई संरचना इसे ₹26,000 तक बढ़ा सकती है. इस बदलाव से कर्मचारियों को मुद्रास्फीति और बढ़ती जीवनयापन लागत के बीच राहत मिलेगी. कर्मचारियों का मानना है कि यह वृद्धि लंबे समय से लंबित थी, क्योंकि पिछली वेतन आयोग की सिफारिश कई सालों पहले लागू हुई थी. न्यूनतम वेतन में यह बड़ा इजाफा सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा.
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) में सुधार की संभावना
8वीं वेतन आयोग के साथ महंगाई भत्ता (DA) में भी संशोधन की उम्मीद है. वर्तमान में कर्मचारियों और पेंशनरों को 55% DA मिलता है. हाल ही में मुद्रास्फीति दरों के अनुसार 2% की वृद्धि की गई थी. विशेषज्ञों का अनुमान है कि जून-दिसंबर 2025 की अवधि के लिए अगली DA वृद्धि 3% हो सकती है. यह संशोधित DA अक्टूबर या नवंबर में घोषित किया जा सकता है, जिससे त्योहारों के मौसम में कर्मचारियों और पेंशनरों को वित्तीय राहत मिलेगी.
कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए राहत का पैकेज
अगर 8वीं वेतन आयोग और DA में सुधार दोनों लागू होते हैं, तो यह सरकारी वेतन पर निर्भर लाखों परिवारों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय राहत साबित होगी. लगातार बढ़ती महंगाई के बीच ये कदम कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि यह दोहरी राहत, वेतन वृद्धि और DA इजाफा. न केवल शॉर्ट टर्म वित्तीय राहत देगा बल्कि कर्मचारियों की लॉन्ग टर्म आर्थिक स्थिरता में भी योगदान करेगा. हालांकि, इस पूरे पैकेज की वास्तविक तिथि इस बात पर निर्भर करेगी कि आयोग का गठन कब होता है और सरकार की वित्तीय स्थिति क्या रहती है.
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