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GST में करदाता इकाइयों पर अधिकार को लेकर नहीं बन सकी सहमति

नयी दिल्ली: शक्तिशाली जीएसटी परिषद की बैठक दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर आज बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई. राज्यों ने सेवा कर, उत्पाद शुल्क और वैट के दायरे में आने वाले करदाताओं के अद्यतन आंकड़े उपलब्ध नहीं होने को लेकर आपत्ति जताई. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली वस्तु एवं सेवा […]

नयी दिल्ली: शक्तिशाली जीएसटी परिषद की बैठक दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर आज बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई. राज्यों ने सेवा कर, उत्पाद शुल्क और वैट के दायरे में आने वाले करदाताओं के अद्यतन आंकड़े उपलब्ध नहीं होने को लेकर आपत्ति जताई. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अब 20 नवंबर को अनौपचारिक बैठक होगी जिसमें मतभेदों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा. परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि कुछ राज्यों के मंत्रियों की 19 नवंबर को भी बैठक हो सकती है जिसमें दोहरे नियंत्रण के मुद्दे को हल करने का प्रयास किया जाएगा. इससे करदाताओं पर केंद्र और राज्यों का अधिकार तय हो सकेगा.

औपचारिक रूप से जीएसटी परिषद की बैठक 24 और 25 नवंबर को होगी. इसमें दोहरे नियंत्रण के मुद्दे के अलावा आईजीएसटी, सीजीएसटी तथा एसजीएसटी कानूनों के मसौदे को को मंजूरी दी जाएगी. पहले यह बैठक 9-10 नवंबर को होनी थी. जीएसटी परिषद की चौथी बैठक के बाद एक मंत्री ने कहा, ‘‘या तो यह दोहरा नियंत्रण या एक-दूसरे का सशक्तीकरण होगा या फिर जीएसटी को क्रियान्वित नहीं किया जा सकेगा. यह सभी को स्पष्ट है.’
परिषद की कल से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक के पहले दिन कल जीएसटी के लिये पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तरीय कर दरों का अहम् फैसला किया गया. परिषद की अब 9 और 10 नवंबर को होने वाली बैठक को निरस्त कर दिया गया है. इस बैठक में जीएसटी को समर्थन देने वाले विधेयकों के मसौदों को अंतिम रुप दिया जाना था. राज्यों के वित्त मंत्रियों की इस मुद्दे पर अब 20 नवंबर को अनौपचारिक बैठक होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की अगली बैठक अब 24-25 नवंबर को होगी.
जेटली ने इससे पहले उम्मीद जताई थी कि जीएसटी से जुडे दूसरे विधेयकों को 22 नवंबर तक अंतिम रूप दे दिया जायेगा. हालांकि, आज की बैठक में इस संबंध में निर्णय नहीं होने के बावजूद उन्हें अभी भी उम्मीद है कि इन विधेयकों को 16 नवंबर से शुरु होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पारित करा लिया जायेगा.जीएसटी परिषद यह भी मानती है कि वस्तु एवं सेवाओं के बीच स्पष्ट अंतर करना भी काफी मुश्किल काम है क्योंकि कार्य अनुबंध, निर्माण अनुबंध और रेस्तरां आदि ऐसे क्षेत्र हैं जहां वैट और सेवाकर दोनों लगते हैं.
जेटली ने कहा कि 22 सितंबर के बाद से जीएसटी परिषद ने 10 महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं. कर अधिकार क्षेत्र के बारे में जेटली ने कहा कि कोई एक करदाता कई अधिकारियों की ओर से आकलन का पात्र नहीं हो सकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों ने सेवाकर दाताओं के बारे में जानकारी मांगी है. जीएसटीएन इन आंकडों को अद्यतन कर रहा है. जीएसटी परिषद पहले ही यह निर्णय कर चुकी है कि 20 लाख रुपये सालाना कारोबार करने वाले व्यापारियों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जायेगा. डेलायट हास्किंस एण्ड सेल्स एलएलपी के भागीदार प्रशांत देशपांडे ने कहा कि केंद्रीय जीएसटी, एकीकृत जीएसटी और राज्य जीएसटी के मसौदे 14–15 नवंबर तक तैयार हो जायेंगे और उन्हें सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध करा दिया जाये.

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