नयी दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक ने चालू वित्त वर्ष में 31 दिसंबर 2015 को समाप्त तीसरी तिमाही में 486.14 करोड रुपये का शुद्ध घाटा दिखाया है. वसूली में फंसे कर्जों के एवज में अपेक्षाकृत अधिक पूंजी का प्रावधान करने के कारण बैंक को घाटा हुआ है.
एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक को 164.11 करोड रुपये का मुनाफा हुआ था. इस दौरान बैंक की आय 5,386.79 करोड रुपये से घटकर 5,030.19 करोड रुपये रही. आलोच्य तिमाही के अंत में कंपनी की शुद्ध अवरद्ध परिसम्पत्तियां (एनपीए) यानी वसूल नहीं हो रहे ऋणका अनुपात कुल बकाया ऋण के 4.23 प्रतिशत पर पहुंच गया.दिसंबर 2014 के अंत में सकल एनपीए 3.89 प्रतिशत था.
आलोच्य तिमाही में बैंक ने एनपीए के लिए 1,208.15 करोड रुपयेके प्रावधान किये जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इस मद में 643.66 करोड रुपये का प्रावधान किया गया था. इस बीच बैंक ने एक बयान में कहा है कि वह सरकार या एलआईसी को वरीयता के आधार पर शेयर जारी कर 1,000 करोड रुपयेकी पूंजी जुटाने की योजना बना रहा है. इसके अलावा वह चालू वित्त वर्ष में बांड के जरिए 500 करोड रुपये जुटाने की तैयारी में है. बैंक के निदेशक मंडल ने बैंक को सरकार या एलआईसी को वरीयता शेयर जारी कर 1,000 करोड रुपये तक की शेयर पूंजी जुटाने की अनुमति दे दी है. निदेशक मंडल ने 500 करोड रुपये के बांड जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूर किया है.
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