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सरकारी बैंकों का एनपीए कम करने के हर संभव प्रयास : अरुण जेटली

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आने वाली तिमाहियों में फंसे कर्ज यानी एनपीए की स्थिति में सुधार की उम्मीद जताते हुए आज कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एनपीए का मौजूदा स्तर अस्वीकार्य है और इसे ठीक करने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा ‘एनपीए इस समय जिस […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आने वाली तिमाहियों में फंसे कर्ज यानी एनपीए की स्थिति में सुधार की उम्मीद जताते हुए आज कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एनपीए का मौजूदा स्तर अस्वीकार्य है और इसे ठीक करने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा ‘एनपीए इस समय जिस स्तर पर है वह अस्वीकार्य है. एनपीए के इस स्तर पर पहुंचने की वजह आंशिक तौर पर असावधानी बरतने, आंशिक तौर पर निष्क्रियता और अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में उपजी चुनौतियों का होना है. अर्थव्यवस्था के इन क्षेत्रों में बैंकों के ऊंचे एनपीए से यह स्पष्ट है.’

जेटली आज यहां इंडियन बैंक के स्थापना दिवस के मौके पर 109 नयी शाखाओं और 109 एकमुश्त नोट स्वीकार (बीएनए) मशीनों के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मार्च तिमाही के अंत तक सकल एनपीए 5.20 प्रतिशत रहा जो कि उससे पहले दिसंबर में 5.63 प्रतिशत था.

उन्होंने कहा ‘वित्तीय स्थिति ठीक करने और एनपीए घटाने के लिए हर तरह के प्रयास किये जा रहे हैं. बैंक प्रशासन कोशिश कर रहा है, सरकार और पूंजी डालने की कोशिश कर रही है, सरकारी हिस्सेदारी के विनिवेश के जरिए और धन जुटाने की कोशिश हो रही है. फिर ज्यादा सावधानी और विभिन्न दबाव वाले क्षेत्रों की मुश्किलों को दूर करने करने का प्रयास हो रहा है.’

उन्होंने कहा ‘मुझे संदेह नहीं है अगली कुछ तिमाहियों में बैंक ऐसी चुनौतियों से निपटने में कामयाब होंगे.’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की अगले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने की योजना से इन बैंकों में एनपीए की समस्या से निपटने की वित्तीय ताकत आ जाएगी.

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