एथेंस : यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने जनमत संग्रह से पहले यूनान पर दबाव डाला और देश की वित्तीय बदहाली के संबंध में चेतावनी दी है. जनमत संग्रह यूरो क्षेत्र में यूनान का भविष्य तय कर सकता है. यूनान की वामपंथी सरकार ने रविवार को होने वाले जनमत संग्रह पर अपना राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा दिया है, हालांकि, इधर आइएमएफ ने आगाह किया है कि जनवरी में जब से सीरीजा पार्टी सत्ता में आयी है देश की वृद्धि की संभावना नाटकीय रूप से घटी है.
आइएमएफ ने इस साल के लिए यूनान की वृद्धि का अनुमान 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया है और चेतावनी दी है कि उसे अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने के लिए अगले तीन साल के दौरान अतिरिक्त 50 अरब यूरो (55 अरब डालर) की जरुरत होगी.
आइएमएफ ने 2010 से यूरोपीय संघ और यूरोपीय केंद्रीय बैंकों के साथ मिलकर यूनान को 240 अरब यूरो प्रदान किये हैं और कहा कि कोई भी राहत पैकेज यूरोप की उदारता पर निर्भर करेगा. इधर ब्रसेल्स में नेताओं ने आगाह किया कि यदि यूनान सरकार के रख के समर्थन में मतदान होता है तो यूरो क्षेत्र अनिश्चित दायरे में प्रवेश कर जाएगा.