नई दिल्ली: रिजर्व बैंक अगले दो महीनों में लघु बैंक और भुगतान बैंकों के लिए पहले दौर का लाइसेंस देगा. इस पहल का लक्ष्य है वित्तीय समावेश को प्रोत्साहित करना.आरबीआई को लघु वित्त बैंकों के लिए 72 आवेदन और भुगतान बैंक लाइसेंस के लिए 41 आवेदन प्राप्त हुए थे. आवेदकों में डाक विभाग, टेक महिंद्रा, वीडियोकॉन समूह और नेशनल स्टाक एक्सचेंज के अलावा अंबानी और बिडला जैसी बडी कंपनियां भी शामिल हैं.
एनआरआई कारोबारी एम ए यूसुफ अली के लूलू समूह और माइक्रोफाइनेंस कंपनी उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड भी उन 113 आवेदकों में शामिल हैं.लघु बैंकों को लाइसेंस देने का लक्ष्य है कि छोटी कारोबारी इकाइयों और अन्य असंगठित क्षेत्र की इकाइयों को बचत और ऋण सुविधा प्रदान कर वित्तीय समावेश को बढावा देना.
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति की दूसरी द्विमासिक समीक्षा में कहा था, मुझे उम्मीद है कि हम अगस्त के अंत तक कम से कम एक दौर के नए बैंक लाइसेंस की घोषणा कर सकेंगे. हम बाजार का नियमन करने वाले सभी नियमों की समीक्षा कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि वृहद-आर्थिक अनिश्चितता खत्म होने पर और उदारीकरण की गुंजाइश है या नहीं.
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