मुंबई: रिजर्व बैंक ने समय पूर्व निकासी की सुविधा होने अथवा नहीं होने के आधार पर सावधि जमाओं के लिये अलग ब्याज दर तय करने की बैंकों को अनुमति दे दी है. बैंकों में एक व्यक्ति के नाम पर अथवा संयुक्त रुप से रखी गई 15 लाख रुपये अथवा इससे कम राशि की सावधि जमा पर समय पूर्व निकासी की सुविधा आवश्यक है.
जबकि रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक अब 15 लाख रुपये से अधिक की सावधि जमा समय पूर्व निकासी सुविधा के बिना भी पेश कर सकते हैं. रिजर्व बैंक ने फरवरी में 2014-15 की छठी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में सावधि जमाओं में अलग ब्याज दर सुविधा के साथ समयपूर्व निकासी सुविधा की शुरुआत करने का फैसला किया था.
रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा है, ‘‘इसलिये बैंकों को सावधि जमाओं पर इस आधार पर अलग ब्याज दर रखने का अधिकार होगा कि सावधि जमा समयपूर्व निकासी की सुविधा के साथ है अथवा नहीं.’’ रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि बैंक को ग्राहक को सावधि जमा रखते समय समयपूर्व निकासी सुविधा रखने अथवा नहीं रखने का विकल्प सामने रखना होगा.
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि बैंकों द्वारा रखी जाने वाली सभी तरह की जमाओं पर पहले से अनुसूचित ब्याज दर के अनुरुप ही ब्याज देना होगा. रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों को जमा पर ब्याज दर के बारे में निदेशक मंडल से मंजूरी प्राप्त नीति ही अपनानी चाहिये.
रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक एक करोड रुपये अथवा उससे कम राशि पर उसकी अवधि और एक करोड रुपये तथा इससे अधिक राशि की सावधि जमा पर अवधि के हिसाब से अलग अलग ब्याज दर की पेशकश कर सकते हैं. जमा अनुबंध में किसी अन्य मानदंड के आधार पर वह अलग ब्याज दर की पेशकश नहीं कर सकते हैं.
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