मुंबई: कारपोरेट जगत पर उंची लागत का बोझ और फंसे कर्ज की वजह से बैंकों पर दबाव रहने से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का ‘दायित्व’ एक बार फिर सरकार पर आ पडा है. हालांकि, सरकार की वित्तीय स्थिति भी उतने ही दबाव में है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
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