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”प्रधानमंत्री जनधन योजना” का शुभारंभ,पहले दिन खोले गये 1.5 करोड़ खाते

नयी दिल्‍ली:नयीदिल्‍ली के विज्ञान भवन में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन-धन योजना की शुरुआत की. इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि एक दिन में 1.5 करोड खाते खोलने का आज रिकार्ड बना. इसके साथ ही एक दिन में 1.5 लाख लोगों का बीमा का भी रिकार्ड बना है. इस योजना के तहत साढे […]

नयी दिल्‍ली:नयीदिल्‍ली के विज्ञान भवन में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन-धन योजना की शुरुआत की. इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि एक दिन में 1.5 करोड खाते खोलने का आज रिकार्ड बना. इसके साथ ही एक दिन में 1.5 लाख लोगों का बीमा का भी रिकार्ड बना है. इस योजना के तहत साढे सात करोड जनता की खाताएं खोली जायेंगी.

विषचक्र से मिलेगी मुक्ति

उन्‍होंने कहा कि देश का गरीब नागरिक साहूकारों से कई गुणा ब्‍याज पर पैसे उधार लेते हैं और उसे चुकाने में उनका पूरा जीवन बीत जाता है. कई बार कई पीठियों तक उधार चुकाना पडता है. यह एक विषचक्र है. आज मैं इस विषचक्र से मुक्ति का उत्‍सव मना रहा हूं. उन्‍होंने कहा कि मनरेगा के मजदूरों की मजदूरी अब सीधे बैंक खाताओं में जायेगी. उन्‍होंने सभी मनरेगा मजदूरों से इस योजना के तहत बैंक से जुडने की अपील की.
महिलाओं का मिलेगा आशीर्वाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस योजना के द्वारा हर परिवार की एक महिला का बैंक खाता होगा. महिलाएं अपने पास जमें धन को अपने खाते में रखेंगी. इससे घर में अगर को व्‍यसन का शिकार है और जमा धन का उपयोग अपनी ऐयाशियों को पूरा करने में करता है. ऐसे में महिलाएं अगर पैसा जमा पर पायेंगी तो उनका आशीर्वाद बैंककर्मियों और सरकार को जरुर मिलेगा.
26 जनवरी 2015 से पहले पूरा करें लक्ष्‍य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने लक्ष्‍य निर्धारित किया है कि 15 अगस्‍त 2014 से 26 जनवरी 2015 तक निर्धारित किया गया है. प्रधानमंत्री ने कह कि अगर बैंककर्मियों का सहयोग मिलेगा तो सरकार चाहेगी क‍ि 26 जनवरी 2015 से पहले ही लक्ष्‍य पूरा कर लिया जाये. उन्‍होंने कहा कि इस योजना के क्रियान्‍वयन से आम लोगों को तो फायदा मिलेगा ही बैंकों को भी लाभ होगा. मोदी ने कहा कि बैंककर्मियों से बात हुई है उन्‍होंने इस योजना का बीड़ा उठा लिया है. उन्‍होंने वादा किया है कि वे 26 जनवरी 2015 से पहले ही लक्ष्‍य पूरा कर लेंगे.
आजादी के 68 साल बाद भी 40% लोगों का नहीं है बैंक खाता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम आजादी का 68 वां वर्षगांठ मना चुके हैं और अभी भी हमारे देश में 40 प्रतिशत से अधिक लोगों का बैंकखाता नहीं है. उन्‍होंने कहा कि जब कोई व्‍यक्ति बैंक में अपना खाता खोलता है तो वह देश की अर्थव्‍यवस्‍था की मुख्‍यधारा से जुड़ने में पहला कदम उठाता है. जब हर कोइ र्देश की अर्थव्‍यवस्‍था से सीधा जुड़ा रहेगा तब अर्थव्‍यवस्‍था का विकास भी संभव हो पायेगा. गरीब देश में अर्थव्‍यवस्‍था को सुधारना सबसे बड़ी चुनौति है.
1.3 लाख की बीमा और 5000 रुपये ओवरड्राफ्ट
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बैंक में खाता खोलने वाले ग्राहकों को नि:शुल्‍क एक लाख का बीमा दिया जायेगा. इसके साथ ही आज की प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि अगर कोई भी व्‍यक्ति 26 जनवरी 2015 से पहले अपना खाता खोलता है तो उन्‍हें 30 हजार रुपये की अतिरिक्‍त बीमा सुविधा प्रदान की जायेगी. इससेगंभीर रोगों में वे अपना इलाज करा पायेंगे. इस योजना के तहत शुन्‍य जमा पर किसी भी व्‍यक्ति का बैंक खाता खोला जायेगा. खाता खोलने के छह माह बाद 5000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान की जायेगी. प्रतिकूल परिस्थिति में ग्राहक अपने खाते से वह पैसा निकाल सकता है. इस पैसे को निर्धारित समय के अंदर जमा करना अनिवार्य होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपनी सरकार की पहली फ्लैगशिप योजना ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि देश में अमीरी और गरीबी के बीच की खाई को पाटने के लिए ‘आर्थिक छुआछूत’ को खत्म करना होगा और इस योजना का यही लक्ष्य है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में इस योजना की घोषणा करने वाले मोदी ने आज यहां विज्ञान भवन में इसका औपचारिक रुप से शुभारंभ किया.
इस अवसर पर देश भर में आज डेढ करोड लोगों के खाते खोले गए जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इसके पहले चरण के तहत अगले साल 15 अगस्त तक साढे सात करोड खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को अगली 26 जनवरी तक पूरा किया जाएगा. इस मौके पर मोदी ने कहा, ‘आजादी के इतने साल बाद, जो देश गरीबी के खिलाफ लडाई लड रहा है, वहां गरीबी के खिलाफ लडाई लडने में अर्थव्यवस्था सबसे महत्वपूर्ण इकाई है, और उससे ही वह (गरीब) अछूत रह जाता है. इस शब्द का प्रयोग अच्छा नहीं लग रहा है लेकिन मेरा मन कहता है कि मैं कहूं कि यह फायनेंसियल अनटचबिलिटी (आर्थिक छुआछूत) है. देश के 40 फीसदी लोग भारत के अर्थव्यवस्था के हकदार नहीं बन पाते और उसके लाभार्थी नहीं बन पाते तो हम गरीबी को मिटाने में कैसे सफल हो सकते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘महात्मा गांधी ने सामाजिक छुआछूत को मिटाने का प्रयास किया. अगर हमें गरीबी से मुक्ति पानी है तो फानैंसियल अनटचबिलिटी (आर्थिक छुआछूत) से भी मुक्ति पानी होगी. हर व्यक्ति को वित्तीय व्यवस्था से जोडना होगा. उसी के तहत इस अभियान को पूरी ताकत के साथ उठाया है.’
शून्‍य राशि से खुलेगा खाता
जनधन योजना के तहत खाता खोलने के लिए किसी तरह की न्यूनतम राशि की जरुरत नहीं होगी और खाताधारक को ‘रुपे’ डेबिट कार्ड मिलेगा. साथ ही एक लाख रुपये का अकस्मात दुर्घटना बीमा और 30,000 रुपये का जीवन बीमा मिलेगा. बाद में खाताधारकों को 5,000 रुपये तक की ओवरड्राफ्ट (कर्ज) सुविधा मिलेगी.
देशभर में 77000 जगहों पर योजना की शुरुआत
इस योजना की शुरुआत के साथ ही देश भर में 77,000 स्थानों पर खाते खोलने का काम हुआ जिसमें 20 मुख्यमंत्रियों, कई केंद्रीय मंत्रियों तथा अधिकारियों ने हिस्सा लिया. सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने पुणे, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चेन्नई, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भोपाल, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनउ और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सूरत से इसका शुभारंभ किया. देश में इससे पहले भारत सरकार की ओर से इतने व्यापक पैमाने पर किसी कार्यक्रम की शुरुआत नहीं की गई थी.
मोदी ने देश में 45 साल पहले हुए बैंकों के राष्ट्रीयकरण का जिक्र करते हुए कहा कि इसका मकसद गरीबों को लाभ पहुंचाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. उन्होंने कहा, ‘आप कल्पना कर सकते हैं जब 1969 में जब बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया तो कैसे कैसे सपने बोए गए थे. बैंकों का राष्ट्रीयकरण गरीबों के लिए होता है यह पूरे देश के गले उतार दिया गया था. लेकिन आजादी के 68 साल बाद भी देश के 68 फीसदी लोगों का अर्थव्यवस्था के इस हिस्से से कोई संबंध नहीं है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ऐसा लगता है जिस मकसद से इस कार्य का आरंभ हुआ वह वहीं का वहीं रह गया. मैं मानता हूं कि जब कोई व्यक्ति खाता खोलता है तो यह उसके अर्थव्यस्था की मुख्यधारा से जुडने का पहला कदम बन जाता है. आज जो डेढ करोड व्यक्ति या परिवार जुडे हैं वो अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में पहला कदम रख रहे हैं. यह अर्थव्यस्था को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता है.’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि आज की सफलता आगे नहीं रुकने वाली है. शुरु में वित्त मंत्री जी (अरुण जेटली) कहते थे कि इसे 15 अगस्त (अगले साल) तक पूरा करना है. मैंने कहा कि 15 अगस्त, 2015 का इंतजार क्यों करें. मैं वित्त विभाग, बैंकिंग क्षेत्र का आभारी हूं. उन्होंने यह बीडा उठा लिया है कि वो 26 जनवरी तक ये काम पूरा करेंगे.’
रुपे कार्ड विश्‍वभर में हो सकेगा इस्‍तेमाल
‘रुपे’ डेबिट कार्ड का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘दुनिया के जो पापुलर वीजा कार्ड वगैरह हैं उससे हम परिचित हैं. क्या हम लोगों का यह इरादा नहीं रखना चाहिए कि हमारा रुपे कार्ड दुनिया के किसी भी देश में चल सके. क्या हमारी इतनी ताकत नहीं होनी चाहिए. इतनी विश्वसनीयता होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए.’ मोदी ने कहा, ‘जैसे अमीर लोग रेस्तरां में खाना खाने के बाद कार्ड से पैसे देते हैं उसी तरह मेरा गरीब भी कार्ड से डेबिट करवाएगा, जो सब्जी बेचता होगा वो भी. अमीर और गरीब के बीच खाई भरने का कितना बडा कदम है. आज जब गरीब आदमी के हाथ में मोबाइल होता है तो वो भी अपने आपको दूसरों के बराबर समझता है. अब यह होगा कि उसके पास भी कार्ड और मेरे पास भी कार्ड है. इस मिजाज से काम करेगा. इससे एक मनोवैज्ञानिक परिवर्तन आता है.’
उन्होंने कहा, ‘आज हम एक विशेष योजना जोड रहे हैं. 26 जनवरी तक जो लोग अपने खाते खुलवाएंगे उन्हें एक लाख रुपये के अकस्मात बीमा के उपरांत 30 हजार रुपये का जीवन बीमा भी मिलेगा. इसमें ये डेढ करोड लोग भी समाहित होंगे. 30 हजार रुपये की यह व्यवस्था किसी भी गरीब और उसके परिवार के काम आएगी.’ मोदी ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि यहीं से गरीबों की जिंदगी में सूर्योदय का आरंभ हो रहा है. उम्मीद करता हूं कि हम 26 जनवरी तक इस लक्ष्य को हासिल करें और देश को आर्थिक छूआछूत के माहौल से मुक्त कराएं. ब्याज से आत्महत्या की ओर जा रहे परिवार को भी बचा लें’
सूदखोरी के ‘विषचक्र’ से मिलेगी मुक्ति
मोदी ने इस योजना के शुभारंभ को गरीबों को ‘विषचक्र’ से मुक्त कराने का पर्व करार देते हुए कहा, ‘गरीब को कम ब्याज पर पैसे मिलने चाहिए तो वो अमीर के मुकाबले पांच गुने ज्यादा ब्याज से पैसे लेता है. वह साहूकार से पैसे लेता है. इस कारण उसका शोषण होता है. कर्ज में डूबा हुआ व्यक्ति आत्महत्या की ओर चला जाता है. उसका परिवार तबाह हो जाता है.’ उन्होंने कहा, ‘क्या इतनी बडी बैंकिंग व्यवस्था का दायित्व नहीं है कि वह गरीब को इस विषचक्र से निकाले. आज गरीबों को विषचक्र से मुक्त करने का आजादी का पर्व मना रहा हूं. 15 अगस्त जिस योजना की घोषणा की उसे 15 दिन के अंदर लागू करने का काम किया. इससे लाखों नौजवानों को रोजगार मिलने वाला है.’
जनता के आर्थिक विकास की जिम्‍मेदारी सरकार की
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में संस्कृत का एक श्लोक पढा ‘सुखास्य मूलं धर्म, धर्मास्य मूलं अर्थ, अर्थस्य मूलं राज्यम.’ उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि जनता को आर्थिक गतिविधियों में शामिल करने की जिम्मेदारी सरकार की है और उनकी सरकार इस जिम्मेदारी को स्वीकार करती है. उन्होंने कहा, ‘अगर हम सब मिलकर गरीबी के खिलाफ लडते हैं तो गरीबी से मुक्ति मिल सकती है. ऐसा मेरा विश्वास है. हम हमेशा कहते हैं कि सरकार और सरकार की संपत्ति गरीबों के लिए है और आज वो शब्दों में नहीं हकीकत में परिवर्तित हो रहा है.’ इस मौके पर प्रधानमंत्री ने इस का योजना का नाम और लोगो सुझाने वालों को पुरस्‍कृत किया. उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की यह पुरस्कार पाने वाले मुख्यत: गैर हिंदीभाषी राज्यों के हैं, लेकिन उन्होंने हिंदी में नाम और नारे सुझाए जो राष्ट्रीय एकीकरण का उदाहरण है.
भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई में उपयोगी हथियार है यह योजना
प्रधानमंत्री मोदी ने जनधन योजना को देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई में एक उपयोगी हथियार करार दिया. उन्होंने कहा, ‘मानता हूं कि इस योजना से नौजवानों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढने वाली हैं, गरीब आदमी के हाथ में पैसे आएंगे. जैसा वित्त मंत्री कहते थे कि निजी फायदों की योजनाओं का लाभ सीधे खाते में जाएगा जो उससे भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई में यह हमारा उपयोगी शस्त्र बनने वाला है. यह हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लडने की ताकत देगा.’ मोदी ने इस योजना को काफी कम समय में मूर्त रुप दिए जाने को सरकार के लिए बडी उपलब्धि बताया.
उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसी उपलब्धि है जो किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि शासन व्यवस्था में बैठे हर व्यक्ति के विश्वास को कई गुना बढा रही है. उसके कारण भविष्य में जब भी किसी योजना को लेकर इस प्रकार के मिशन मोड में काम करना होगा तो हम बहुत आसानी से कर पाएंगे. यह विश्वास आज पैदा हुआ है.’
मोदी ने कहा, ‘इतनी बडी उपलब्धि हासिल करना, यह सरकार और सरकारी व्यवस्था के लिए सुखद अनुभव है. यह बात सही है कि सफलता नई सिद्धिओं को पाने की प्रेरणा बन जाती है. सफलता नई सिद्धियों का गर्भाधान करती है. यह सफलता देश को आगे ले जाने के जो पटल हैं, उनको ताकत देगी. मुझे आज ऐसा लगा रहा है. इसको सफल करने वाले सभी लोग अभिनंदन के अधिकारी है. हम सब मिलकर किसी भी लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं.’
देश में 10 करोड लोगों का बैंकखाता नहीं: जेटली
वित्‍तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि देश में 10 करोड लोगों के पास बैंक खाता नहीं है. जनधन योजना के तहत 25 जनवरी 2015 तक 7.5 करोड लोगों को जोडा जाएगा. जनधन योजना के पहले दिन 1.5 करोड बैंक खाते खोले जाने हैं.यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जनधन योजना को ‘मिशन मोड’ के तहत आगे बढाया जाएगा और 26 जनवरी, 2015 तक इसके लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.वित्त राज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि इस योजना में परिवार की महिला को प्राथमिकता दी गई है.

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