लंदन: स्काटलैंड की तेल एवं गैस का उत्खनन करने वाली कंपनी केयर्न एनर्जी ने आज कहा कि वह एक कर मुद्दे को हल करने के लिए भारत की नयी सरकार के साथ काम कर रही है. इस मुद्दे के कारण केयर्न इंडिया में उसकी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री अटकी पडी है. कंपनी के मुख्य कार्यकारी सिमोन थामसन ने कहा, ‘केयर्न भारत में कर मुद्दे को हल करने का लगातार प्रयास कर रही है और वह शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.’
कंपनी को 2006 में हुए सौदे से कथित तौर पर 24,500 करोड रुपये का पूंजीगत लाभ हुआ जिसको लेकर वह संभावित कर मांग का सामना कर रही है. वर्ष 2006 में कंपनी ने भारत में अपनी सभी संपत्तियों को एक नई कंपनी केयर्न इंडिया को हस्तांतरित कर दिया और इस कंपनी को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराया.
हालांकि, अभी तक उससे कर की कोई मांग नहीं की गई है. वर्ष 2011 में अपनी भारतीय इकाई में बहुलांश हिस्सेदारी 8.67 अरब डालर में वेदांता समूह को बेचने वाली केयर्न एनर्जी की अब भी 9.8 प्रतिशत हिस्सेदारी केयर्न इंडिया में है.