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COAI ने कहा, सरकारी राहत के अभाव से अभूतपूर्व संकट में होगा टेलीकॉम सेक्टर, एकाधिकार का भी खतरा

नयी दिल्ली : दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के संगठन सीओएआई ने सरकार को चेतावनी दी है कि उसके द्वारा दूरसंचार उद्योग को तत्काल किसी राहत नहीं देने के अभाव में क्षेत्र को ‘अभूतपूर्व संकट’ का सामना करना होगा. यह देश के लिए ‘संभावित तौर पर विनाशकारी’ हो सकता है, क्योंकि इससे निवेश प्रभावित होगा, निवेशकों की धारणा […]

नयी दिल्ली : दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के संगठन सीओएआई ने सरकार को चेतावनी दी है कि उसके द्वारा दूरसंचार उद्योग को तत्काल किसी राहत नहीं देने के अभाव में क्षेत्र को ‘अभूतपूर्व संकट’ का सामना करना होगा. यह देश के लिए ‘संभावित तौर पर विनाशकारी’ हो सकता है, क्योंकि इससे निवेश प्रभावित होगा, निवेशकों की धारणा कमजोर होगी. इससे बड़े पैमाने पर छंटनियां भी होने की आशंका है. सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने मंगलवार देर रात दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद को एक पत्र लिखकर यह बात कही है. संगठन ने पत्र में यह भी कहा है कि इसके कई विपरीत परिणाम होंगे और दूरसंचार क्षेत्र में ‘एकाधिकार’ आने की संभावना है.

सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने कहा कि हमारा मानना है कि सरकार की ओर से तत्काल किसी तरह की राहत नहीं देने से दूरसंचार क्षेत्र में निजी क्षेत्र की तीन में से दो कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया को ‘अभूतपूर्व संकट’ का सामना करना होगा. यह कंपनियां मौजूदा मोबाइल ग्राहकों के 63 फीसदी को सेवा मुहैया कराती हैं. हालांकि, संगठन की सदस्य और दूरसंचार क्षेत्र की सबसे नयी कंपनी रिलायंस जियो ने सीओएआई के इस पत्र की भाषा, सामग्री और लहजे पर कड़ा एतराज जताया है.

जियो ने कहा कि कि दो दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के बाजार में विफल हो जाने से बाजार की प्रतिस्पर्धा और केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया लक्ष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जियो ने उसकी टिप्पणी के बिना भेजे गये इस पत्र को ‘भरोसा तोड़ने की गंभीर घटना’ करार दिया है. साथ ही, संगठन पर एकतरफा दृष्टिकोण के साथ-साथ पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का भी आरोप लगाया है.

जियो ने बुधवार को लिखे अपने पत्र में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अन्य दो सदस्यों के कहने पर ही इस पत्र को भेजने का विचार कर लिया गया. सीओएआई का यह अनपेक्षित रवैया दिखाता है कि यह एक उद्योग संगठन नहीं, बल्कि दो अन्य सेवाप्रदाताओं का प्रवक्ता भर है. जियो के आरोप के जवाब में मैथ्यूज ने कहा है कि यह एक निजी मामला है और संगठन के सदस्यों को इसे सीओएआई के कामकाजी ढांचे के तहत सुलझाना चाहिए.

हालांकि, सीओएआई के पत्र में कहा गया है कि यह संकट उद्योग पर दबाव बढ़ायेगा और संभावित तौर पर देश के लिए विनाशकारी होगा. सीओएआई ने कहा कि निवेश में कटौती हो सकती है, सेवाओं की हालत खराब हो सकती है, नौकरियां जा सकती हैं और निवेशकों की धारणा कमजोर पड़ सकती है. संगठन ने सरकार को यह पत्र हाल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दूरसंचार कंपनियों को समायोजित सकल आय से जुड़े मामले में पिछला वैधानिक बकाया चुकाने का आदेश दिये जाने और दूरसंचार क्षेत्र के संकट पर विचार करने के लिए सरकार द्वारा सचिवों की समिति बनाये जाने के संदर्भ में लिखा है.

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