नयी दिल्ली : उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने बुधवार को कोयला खनन, अनुबंध विनिर्माण, एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्रों में एफडीआई नियमों में दी गयी ढील के प्रावधानों को अधिसूचित कर दिया है. सरकार ने बीते 28 अगस्त को कोयला खनन और उससे जुड़ी सभी गतिविधियों में 100 फीसदी विदेशी निवेश की मंजूरी दी थी. सरकार ने दुनियाभर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में हो रही गिरावट के मद्देनजर यह फैसला किया है.
कोयला खनन और उससे जुड़ी सभी गतिविधियों के लिए ऑटोमेटिक रूट तक तहत 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गयी है. अब तक 100 फीसदी एफडीआई सिर्फ बंधुआ कोयला खनन में स्वीकृत थी. सरकार ज्यादा से ज्यादा एफडीआई लाने की कोशिश में जुटी है. सरकार ने पिछले पांच साल के दौरान एफडीआई लाने पर विशेष जोर दिया है, जिसके कारण इस दौरान पिछले पांच साल में 286 बिलियन डॉलर का एफडीआई भारत में आया है.
कोयला खनन क्षेत्र में सौ फीसदी एफडीआई को लेकर कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी का कहना है कि कोयला खनन क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दिये जाना सरकार का सबसे बड़ा सुधार है. उनका कहना है कि इस कदम से भारत को एक दक्ष और प्रतिस्पर्धी कोयला बाजार बनाने में मदद मिलेगी और कोयला क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार सृजन में मदद मिलेगी.
जोशी का कहना है कि यह हमारे समय का सबसे बड़ा सुधार है और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के आने से भारत दक्ष और प्रतिस्पर्धी कोयला बाजार बन जायेगा. इससे अत्याधुनिक कोयला खनन प्रौद्योगिकी के भारत आने की उम्मीद है, जिससे पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल खनन में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस फैसले से कोयला से जुड़े क्षेत्रों में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार का सृजन होगा एवं इन इलाकों के आर्थिक विकास पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा.
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