नयी दिल्ली : देश के निर्यात में सुस्ती को बढ़ावा देने के लिए सरकार रत्न एवं आभूषण समेत कई क्षेत्रों के लिए उपायों का एलान कर सकती है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि इन उपायों पर बातचीत के लिए वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय कई दौर की वार्ता कर चुका है. विचाराधीन प्रस्ताव के रूप में सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में इकाइयों के टैक्स संबंधी लाभ को हटाने की समयसीमा बढ़ा सकती है.
इसे भी देखें : रक्षा उत्पादों का निर्यात 2024-25 तक 35,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक होने का अनुमान
सरकार ने 2016-17 के आम बजट में यह घोषणा की थी कि आयकर संबंधी लाभ सेज की केवल उन्हीं नयी इकाइयों को मिलेंगे, जो 31 मार्च 2020 से पहले कार्य करना शुरू कर देंगी. रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के लिए सरकार रंगीन रत्न (पत्थर) और पॉलिश हीरों पर आयात शुल्क को घटाने पर विचार कर रही है.
फिलहाल, यह 7.5 फीसदी है. इसके अलावा, सरकार भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम की ओर से निर्यात कर्ज के लिए मिलने वाले बीमा कवर को 60 फीसदी से बढ़ाकर 90 फीसदी करने पर भी विचार कर रही है. यह बैंकों को प्रतिस्पर्धी दरों में निर्यात ऋण उपलब्ध कराने में सक्षम बनायेगा. आयात एवं निर्यात खेपों के जल्द से जल्दी मंजूरी (क्लीयरेंस) के लिए मानक परिचालन प्रकिया लागू की जा सकती है.
दरअसल, निर्यातकों ने कई अन्य उपाय किये जाने की भी मांग की है. इसमें गैर-बासमती चावल और कपड़ा जैसे क्षेत्रों के लिए भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) का लाभ देना शामिल है. इसके अलावा, बड़ी दवा कंपनियों को ब्याज सहायता देने की भी मांग की गयी है. निर्यातकों के संगठन फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि आर्थिक अनिश्चितताओं की वजह से दुनिया भर में मांग में कमी के बीच देश का निर्यात मुश्किल दौर से गुजर रहा है.
निर्यातकों के लिए उपाय किये जाने से उन्हें इससे बाहर आने में मदद मिलेगी और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. देश के निर्यात में जुलाई महीने में 2.25 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई के दौरान निर्यात 0.37 फीसदी गिरकर 107.41 अरब डॉलर रह गया.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.