नयी दिल्ली : कंपनी संचालन के मुद्दे पर इंटरग्लोब एविएशन में प्रवर्तकों के बीच विवाद गहराने के एक दिन बाद राहुल भाटिया समूह ने बुधवार को कहा कि सभी संबद्ध पक्षों के साथ लेन-देन उनसे उचित दूरी रखते हुए बाजार मूल्य के मुताबिक ही किये गये. समूह का कहना है कि कंपनी के साथ दूसरे ग्राहकों के मुकाबले अधिक अनुकूल व्यवहार किया गया. इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (आईजीएएल) देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी है.
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कंपनी के सह प्रवर्तकों राकेश गंगवाल तथा राहुल भाटिया के बीच विवाद छिड़ा हुआ है. इस विवाद का असर कंपनी के शेयर मूल्य पर भी पड़ा है. भाटिया के इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज (आईजीई) समूह ने कहा कि उसने संबंधित इकाइयों से किये गये सौदों के जरिये कई सेवाएं उपलब्ध कराकर आईजीएएल को शुरुआती और विस्तार के वर्षों में आगे बढ़ाया और समर्थन दिया.
हालांकि, समूह ने इस बात पर जोर दिया है कि उसने यह सुनिश्चित किया कि संबद्ध पक्ष लेन-देन के तहत उसकी कोई भी इकाई किसी तरह का फायदा नहीं उठा पाये. समूह ने कहा कि बिना किसी अपवाद के आईजीएएल के साथ आईजीई समूह ने अन्य ग्राहकों की तुलना में अधिक बेहतर तरीके से व्यवहार किया. गंगवाल और उनसे संबद्ध लोगों की आईजीएएल में करीब 37 फीसदी हिस्सेदारी है.
गंगवाल ने कंपनी में कामकाज के संचालन (गवर्नेंस) का मुद्दा उठाया है. खास तौर पर उन्होंने कंपनी और आईजीएएल समूह के बीच लेन-देन को लेकर सवाल खड़ा किया है. भाटिया समूह की आईजीएएल में करीब 38 फीसदी हिस्सेदारी है. समूह का यह विस्तृत बयान ऐसे समय आया है, जब भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनी से गंगवाल के आरोपों के बारे में 19 जुलाई तक जवाब देने को कहा है. गंगवाल ने सेबी से पत्र लिखकर कहा है कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए वह हस्तक्षेप करे.
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