नयी दिल्ली : कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अन्य उपायों के अलावा धान की फसल के हर हिस्से, डंठल से लेकर दाने तक का मूल्यवर्द्धन करने (कीत तय करने) और इसके लिए जैव-पार्क बनाने की जरूरत है.
डॉ स्वामीनाथन को उम्मीद है कि इस बार के आम बजट में सरकार इस दिशा में कुछ नयी पहल कर सकती है. स्वामीनाथन ने आम बजट पूछे गये सवालों के जवाब में कहा है कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अन्य बातों के अलावा किसानों को उनकी उपज का बेहतर और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के साथ विपणन व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को 2019-20 के लिए पहला बजट पेश करेंगी.
गौरतलब है कि भारत में धान की डंठल को खेत में जलाने की समस्या को देखते हुए सरकार पंजाब और ओडिशा जैसे कुछ राज्यों में पुआल से जैव ईंधन बनाने की इकाइयों को प्रोत्साहित कर रही है. धान की भूसी और ब्रान (चावल की मिलिंग के दौरान निकलने वाली खुद्दी) का भी मूल्यवर्धन किया जाता है. हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन ने सतत कृषि के लिए बजट में जैविक खेती, जैव-विविधता संरक्षण और जल के बेहतर उपयोग के साथ उपभोक्ता और प्रोडक्ट उन्मुख एग्रीकल्चर बिजनेस को प्रोत्साहित करने ‘खेत से खाने की प्लेट तक’ के बीच की कड़ियों को कुशल बनाने पर ध्यान देने की उम्मीद जतायी है, ताकि किसान और उपभोक्ता दोनों को लाभ हो सके.
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