मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर और उसके प्रबंधन को अदालत को गुमराह करने के लिए फटकार लगायी है. अदालत ने कहा कि कंपनी की याचिका छल-कपट वाली लगती है. रिलायंस पावर की ओर से वित्तीय सेवा कंपनी एडलवाइस ग्रुप के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश केआर श्रीराम ने कंपनी के खिलाफ इन कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया.
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रिलायंस पावर ने एडलवाइस द्वारा उसके गिरवी रखे शेयरों की इसी महीने बिक्री को लेकर यह याचिका दायर की थी. इससे पहले 13 फरवरी को न्यायाधीश ने कंपनी को एडलवाइस के खिलाफ किसी तरह की राहत देने या बिक्री प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया उनकी याचिका का कोई आधार नहीं है. अदालत ने कहा कि वह अंतरिम राहत नहीं देने की वजह को बाद में बतायेगी.
गुरुवार को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि रिलायंस पावर की पूरी याचिका छल-कपट वाली लगती है और यह उसकी ओर से अदालत को भ्रमित करने का प्रयास है. रिलायंस समूह ने यह दलील दी थी कि एडलवाइस ईसीएल फाइनेंस द्वारा उसके गिरवी रखे शेयरों की बिक्री गैर-कानूनी है.
साथ ही, रिलायंस ने उसे हुए वित्तीय नुकसान तथा उसकी छवि को पहुंचे आघात के लिए 2,700 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की भी मांग की थी. अदालत ने कहा कि एडलवाइस ने जो किया, उसमें कुछ गलत नहीं है. अदालत ने एडलवाइस को अपना जवाब सुनवाई की अगली तारीख 22 मार्च तक देने को कहा है.
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