नयी दिल्ली : नकदी संकट से जूझ रही राष्ट्रीय विमानन कंपनी को विदेशों में अपनी संपत्तियों को पट्टे (लीज) पर देने से होने वाली आय का खुलासा करना होगा. केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने एयर इंडिया को यह निर्देश दिया है. सीआईसी ने ‘बिना विलंब’ एयर इंडिया की इस दलील को खारिज कर दिया कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत इस मामले में वाणिज्यिक सूचनाओं की गोपनीयता के कारण इसकी जानकारी नहीं देने की छूट है.
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सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत कार्यकर्ता असीम तकियार ने एक अप्रैल, 2008 से एयर इंडिया से उसकी विदेशों में संपत्तियों पर होने वाले किराया आय, लीज आमदनी, सीमांकन योजना और इन संपत्तियों के कुल क्षेत्र पर जानकारी मांगी थी. सूचना आयुक्त दिव्य प्रकाश सिन्हा ने कहा कि आयोग इस मामले में आरटीआई कानून की धारा 8(1)(घ) के तहत दायर एयरलाइन के दावे को खारिज करता है, क्योंकि उसका केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) इस बारे में कोई न्यायोचित कारण पेश करने में विफल रहा.
सिन्हा ने कहा कि धारा 8(1)(घ) वाणिज्यिक गोपनीयता विश्वास, व्यापार गोपनीयता या बौद्धिक संपदा आदि के मामले में सूचना का खुलासा नहीं करने की छूट देती है. सिन्हा ने कहा कि आवेदक ने सिर्फ किराया राशि, पट्टे का शुल्क और बकाया किराये के बारे में जानकारी मांगी है. इस सूचना के खुलासे से किसी तरह के वाणिज्यिक गोपनीयता पर असर नहीं पड़ता है.
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