नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान में जारी वैश्विक व्यापार युद्ध ‘आरंभ में अस्थिरता’ जरूर पैदा कर सकता है, लेकिन यह भारत के लिए कई अवसरों के द्वार खोलेगा. इससे देश को एक बड़ा विनिर्माण और व्यापारिक केंद्र बनाने में मदद मिल सकती है. जेटली ने व्यापारियों से आग्रह किया कि उन्हें साफ-सुथरी और नैतिक व्यापारिक गतिविधियों को अपनाना चाहिए. उन्हें अपने हिस्से का कर चुकाना चाहिए, क्योंकि शोधन अक्षमता एवं संहिता (आईबीसी) ने रातों-रात छूमंतर हो जाने वाले व्यापारियों की दुकान पर ताला लगा दिया है.
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पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि कुछ वैश्विक घटनाएं भारत पर ‘विपरीत प्रभाव’ डालती हैं, लेकिन यही देश के सामने तेजी से आगे बढ़ने के कई रास्ते भी खोलेगी. वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में जेटली ने कहा कि व्यापार युद्ध ने शुरुआत में अस्थिरता पैदा की, लेकिन उन्होंने कई नये बाजारों को खोला. यह भारत के सामने एक बड़ा व्यापारिक और विनिर्माण केंद्र बनने का रास्ता खोलेगा. इसलिए हमें स्थिति को बहुत नजदीक से देखना होता है. पता नहीं कि चुनौती कब मौका बन जाये.विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहे मौजूदा व्यापार युद्ध से भारत में बनने वाली मशीनों, इलेक्ट्रिक उपकरणों, वाहनों एवं कल-पुर्जों, रसायन, प्लास्टिक एवं रबर उत्पादों को अमेरिकी बाजार में नयी पहचान मिल सकती है. जेटली ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को भी अर्थव्यवस्था के सामने एक बड़ी चुनौती बताया, क्योंकि कच्चे तेल के लिए भारत लगभग पूरी तरह आयात पर निर्भर है और अपनी जरूरत का 81 फीसदी आयात करता है.
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक देश है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतें बढ़ने से घरेलू स्तर पर ईंधन भी महंगा हुआ है. पिछले पांच सप्ताह में मानक ब्रेंट कच्चे तेल का दाम 71 डॉलर से बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि इन चुनौतियों के बने रहने के बावजूद, मुझे दृढ़ विश्वास है कि आने वाले दिन और साल वृद्धि के लिहाज से भारत के लिए बेहतर अवसर लायेंगे.
व्यापारियों से नैतिक व्यापारिक गतिविधियों को अपनाने का आग्रह करते हुए जेटली ने कहा कि आईबीसी ने रातोंरात छूमंतर हो जाने वालों की दुकान पर ताला लगा दिया है, और यदि वह नैतिक कारोबारी गतिविधियों को अपनाते हैं तो यह उन्हें कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद करेगा. जेटली ने कहा कि मुक्त व्यापार ने कारोबार की नैतिकता पर भी जोर दिया है. जिन लोगों को कर चुकाना है, उन्हें इसे चुकाते रहना चाहिए. कर नहीं चुकाने वालों का बोझ करदाताओं पर नहीं डालना चाहिए. इसलिए सबसे प्रमुख नैतिक कार्यों में से एक यह होगा कि जो लोग कर दायरे के बाहर हैं, उन्हें कर के दायरे में लाया जाए.
उन्होंने कहा कि आईबीसी ने भारतीय कारोबार पर एक और नैतिक जिम्मेदारी डाली है कि यदि वह बैंक से कर्ज लेते हैं, तो उन्हें इसे चुकाना होगा. ऐसा नहीं हो सकता है कि कारोबारियों को ऋण देने के बाद कर्ज देने वाला रातों को चैन से सो भी ना सके.
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