मुंबई : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जेट एयरवेज के प्रशिक्षण कार्यक्रम की जांच-पड़ताल शुरू की है. निजी क्षेत्र की यह एयरलाइन वित्तीय संकट में फंसी है और हाल में इसके चालक दल की कई गलतियों की शिकायतें मिली हैं. नियामक एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
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कुछ दिन पहले उड़ान-दल की गलती की कारण इस एयरलाइन की मुंबई-जयपुर उड़ान में विमान के अंदर का वायुदाब बहुत कम हो गया था. इस कारण कम से कम 30 यात्रियों के नाक-कान से रक्तस्राव होने लगा और पांच यात्रियों को सुनने की समस्या हो गयी. विमान में चालक दल सहित 171 लोग सवार थे. उसे बीच रास्ते से मुंबई लौटना पड़ा था.
डीजीसीए के अधिकारी ने कहा कि जेट एयरवेज के प्रशिक्षण कार्यक्रम का निरीक्षण शुरू किया गया है. यह तीन दिन चलेगा. इसमें देखा जायेगा कि नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं. डीजीसीए के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी एयरलाइन कंपनियों को अपने सभी विमान परिचारक दलों और डिस्पैचर उड़ान सहायकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम तय करने होंगे. यह कार्यक्रम पूरा होने के साथ इसमें नयापन होना चाहिए और इस प्रशिक्षण नियमावली में डीजीसीए के दिशा-निर्देशों का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. जेट एयरवेज के कार्यक्रम की निगरानी गुरुवार तक चलेगी.
एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने संपर्क किये जाने पर कहा कि इस तरह की जांच समय-समय पर होती रहती है. एयरलाइन इस समय वित्तीय संकट से गुजर रही है. यह अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं कर पा रही है. डीजीसीए के उस अधिकारी ने कहा कि जेट एयरवेज के प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख का पद भी एक माह से अधिक समय से खाली है.
जेट ने कहा कि इस समय वरिष्ठ कमांडर के वेंकट उसके प्रशिक्षण प्रतिष्ठान के प्रभारी हैं. उन्होंने कैप्टन वी ओबेराय की जगह यह जिम्मेदारी संभाली है. जांच एजेंसियां नरेश गोयल के नेतृत्व वाली इस एयरलाइन की व्यापक वित्तीय ऑडिट करा रही हैं. इस कंपनी के चालक दल की कथित गलतियों की कई घटनाएं सामने आयी हैं. इससे पहले डीजीसीए ने छह अगस्त को इसे दो पायलटों का लाइसेंस निलंबित कर दिया था. इन दोनों ने सऊदी अरब के रियाद हवाई अड्डे पर उड़ान पट्टी के समानांतर बने विमानों को लाने ले जाने के रास्ते पर से ही उड़ान भरने का प्रयास किया था.
तीन अगस्त को मुंबई में एक विमान उड़ान भरते हुए पट्टी से बाहर निकल गया था. 25 अगस्त को लंदन को जाने वाला जेट का एक विमान दिल्ली के उड़ान नियंत्रण कक्ष से संकेत मिले बिना ही उड़ने की स्थिति में पहुंच गया था. उसमें 337 यात्री थे. ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट के बीच उसके प्रशिक्षण कार्यक्रम की जांच-परख की जा रही है.
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