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…तो क्या कर्नाटक विधानसभा चुनाव के चलते नहीं बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम? उठाये जा रहे सवाल

नयी दिल्ली : देश में बेतहाशा बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतें इन दिनों स्थिर है. रोजाना इसके दामों की होने वाली समीक्षा आैर इसका घटना-बढ़ना भी बंद है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा होने के बावजूद भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर हैं. माना जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा […]

नयी दिल्ली : देश में बेतहाशा बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतें इन दिनों स्थिर है. रोजाना इसके दामों की होने वाली समीक्षा आैर इसका घटना-बढ़ना भी बंद है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा होने के बावजूद भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर हैं. माना जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव को देखते हुए ही इनकी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस बीच प्रति बैलर 2 डॉलर की वृद्धि भी दर्ज की गयी, लेकिन भारतीय बाजारों में तेल की कीमतें नहीं बढ़ी हैं. 24 अप्रैल के बाद अभी तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारतीय कंपनियों ने इजाफा नहीं किया है.

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पेट्रोलियम कंपनियों की आेर से इन दोनों र्इंधन की कीमतों के स्थिरीकरण को कर्नाटक विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. मीडिया की खबरों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कहीं कर्नाटक में आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा नीत मोदी सरकार ने पेट्रोलियम कंपनियों की आेर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना शाम को होने वाली समीक्षा पर फिलहाल विराम लगाने का परोक्ष आदेश दिया है. हिंद के प्रमुख अखबारों में शुूमार नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर में यह चर्चा की गयी है कि कहीं कर्नाटक विधानसभा चुनाव में फायदे के लिए एेसा तो नहीं किया जा रहा है.

गौरतलब है कि तेल की कीमतों को बाजार के हवाले कर दिया गया है. पिछले महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतें 55 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयीं थी. पेट्रोल जहां 74.63 रुपये तक पहुंच गया, वहीं डीजल की कीमतों में भी भारी उछाल देखने को मिला. डीजल की कीमत भी प्रति लीटर 65.93 रुपये तक पहुंच गयी. पिछले साल जून से हर दिन तेल की कीमतें सरकारी कंपनियां समीक्षा करती हैं.

भारतीय पीएसयू ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 24 अप्रैल के बाद वृद्धि नहीं की है. 24 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति बैरल पेट्रोल की कीमत 78.84 डॉलर थी, जब आखिरी बार सार्वजनिक कंपनियों ने दाम बढ़ाये थे. इस वक्त प्रति बैरल पेट्रोल की कीमत 80.56 डॉलर है, लेकिन 24 अप्रैल के बाद से अब तक कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है. इस बीच, डीजल की कीमत भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति बैरल 84.68 डॉलर से बढ़कर 86.35 डॉलर तक पहुंच गयी है. ध्यान देने की बात है कि इस दौरान रुपये की स्थिति भी पहले से कमजोर हुई है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तेल कीमतें नहीं बढ़ाने पर पीएसयू बात नहीं कर सकतीं. हमें इस विषय में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं करने का निर्देश दिया गया है. कोर्इ मेरा या मेरी कंपनी का नाम लेकर यह बयान जारी नहीं कर सकता. वहीं, पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें क्या होंगी यह कंपनी ही तय करती है. इसमें किसी तरह से सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है. कर्नाटक में 12 मई को वोट होने वाले हैं और 15 मई को वहां मतों की गिनती होगी.

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