नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद बाजार में प्रचलित 500 और 2000 रुपये के आकर्षक, नये और कड़कड़िया नोटों की छपाई ऐसे ही नहीं हो जाती है. उसको छापने में भी सरकार को पैसे खर्च करने पड़ते हैं. कई लोगों को यह पता भी नहीं होगा कि जिन नोटों को आप ललचाई हुई नजरों से निहारते हैं, उसकी छपाई में ही सरकार को काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं.
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नोटों की छपाई को लेकर केंद्र सरकार ने इस साल के मार्च में ही संसद में बताया था कि 500 रुपये के नये नोटों की छपाई पर उसे 2.87 रुपये से 3.09 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसी तरह 2,000 रुपये के नये नोटों की छपाई पर प्रति नोटों की छपाई पर उसे 3.54 रुपये से 3.77 रुपये प्रति नोट खर्च करना पड़ रहा है.
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में अपने लिखित जवाब में कहा था कि 500 रुपये के हर नये नोट की छपाई पर 2.87 रुपये से 3.09 रुपये के बीच और 2,000 रुपये के हर नये नोट की छपाई पर 3.54 रुपये से 3.77 रुपये के बीच लागत आयी. मेघवाल ने साथ ही यह भी कहा था कि चूंकि अभी 5,00 और 2,000 रुपये के नए नोटों की छपाई पूरी नहीं हो सकी है. इसलिए नये नोटों की छपाई पर आयी कुल लागत अभी बताना संभव नहीं है.