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एनपीएस सब्सक्राइबर्स को मिलेगा सबसे बड़ा फायदा, पीएफआरडीए ने नियमों में किया बड़ा बदलाव

PFRDA Rules Change: पीएफआरडीए ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के निकासी नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नए नियमों से एनपीएस सब्सक्राइबर्स को निवेश और निकासी में अधिक स्वतंत्रता और विकल्प मिलेंगे. यह बदलाव खासतौर पर नॉन-गवर्नमेंट कर्मचारियों, कॉरपोरेट सेक्टर और ऑल सिटिजन मॉडल के निवेशकों के लिए फायदेमंद हैं, जिससे रिटायरमेंट प्लानिंग आसान और ज्यादा लचीली होगी.

PFRDA Rules Change: पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है. यह बदलाव पीएफआरडीए (एग्जिट एंड विड्रॉल अंडर एनपीएस) रेग्यूलेशन, 2015 के तहत किए गए हैं. इन बदलावों का मकसद सेवानिवृत्ति के समय एनपीएस सब्सक्राइबर्स को अपने फंड के बेहतर प्रबंधन के लिए अधिक आजादी और लचीलापन देना है.

नॉन-गवर्नमेंट कर्मचारियों को सबसे ज्यादा राहत

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, नए नियमों का सबसे ज्यादा फायदा गैर-सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा. इसमें कॉरपोरेट सेक्टर के कर्मचारी और “ऑल सिटिजन मॉडल” के तहत एनपीएस में निवेश करने वाले लोग शामिल हैं. अहम बात यह है कि ये संशोधन विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाओं पर समान रूप से लागू होंगे, जिससे नियमों में स्पष्टता आएगी.

सरकारी कर्मचारियों के लिए भी नियम आसान

हालांकि, बदलावों का फोकस नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स पर है, लेकिन पीएफआरडीए ने सरकारी कर्मचारियों के लिए भी कुछ प्रक्रियाओं को सरल किया है. इससे एनपीएस से जुड़ी निकासी और एग्जिट प्रक्रिया पहले की तुलना में कम जटिल हो जाएगी.

निवेश निर्णयों में ज्यादा आज़ादी और विकल्प

नए नियमों से एनपीएस सब्सक्राइबर्स को अपने निवेश और निकासी से जुड़े फैसलों में ज्यादा आजादी और विकल्प मिलेंगे. चूंकि, सरकार से बाहर के लोगों के लिए एनपीएस में शामिल होना पूरी तरह स्वैच्छिक है. इसलिए, इससे बाहर निकलने और पैसों की निकासी के नियमों का स्पष्ट और लचीला होना बेहद जरूरी माना जा रहा है.

एनपीएस में भागीदारी बढ़ाने पर जोर

पीएफआरडीए का मानना है कि इन स्पष्ट और सरल नियमों से अधिक लोग एनपीएस से जुड़ने और लंबे समय तक बने रहने के लिए प्रेरित होंगे. इससे निवेशक अपनी वर्तमान जरूरतों और भविष्य की रिटायरमेंट सुरक्षा के बीच बेहतर संतुलन बना सकेंगे.

वृद्धावस्था आय सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम

ये बदलाव पीएफआरडीए के उस व्यापक लक्ष्य का हिस्सा हैं, जिसके तहत वह वृद्धावस्था आय सुरक्षा को मजबूत करना और सब्सक्राइबर्स के हितों की रक्षा करना चाहता है. प्राधिकरण एनपीएस को अधिक समावेशी, पारदर्शी और यूजर्स-अनुकूल बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है.

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लाइफ में पेंशन संपत्ति पर बेहतर नियंत्रण

नए नियमों से सब्सक्राइबर्स को अपने जीवन के अलग-अलग चरणों में अपनी संचित पेंशन संपत्ति को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद मिलेगी. पीएफआरडीए का फोकस यह सुनिश्चित करने पर है कि रिटायरमेंट के लिए बचाया गया पैसा सुरक्षित रहे और दीर्घकाल में निवेशकों के लिए अधिक उपयोगी साबित हो.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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