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प्रधानमंत्री मोदी ने GST को बताया क्रांतिकारी कदम, अमेरिकी सीर्इआे को दिया निवेश का न्योता

वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी यात्रा के दौरान वहां की कंपनियों के कार्यकारियों (सीर्इआे) से मुलाकात के दौरान भारत में आगामी 30 जून की आधी रात से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक क्रांतिकारी कदम बताया. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी कार्यकारियों से जीएसटी को व्यापार को आैर सुगम बनाने […]

वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी यात्रा के दौरान वहां की कंपनियों के कार्यकारियों (सीर्इआे) से मुलाकात के दौरान भारत में आगामी 30 जून की आधी रात से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक क्रांतिकारी कदम बताया. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी कार्यकारियों से जीएसटी को व्यापार को आैर सुगम बनाने वाला बताया. अमेरिका की 20 शीर्ष कंपनियों के सीईओ के साथ एक गोलमेज बैठक के दौरान मोदी ने रेखांकित किया कि पिछले तीन साल में राजग सरकार की नीतियों के चलते भारत ने सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्राप्त किया है.

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इस बैठक में एपल के टिम कुक, गूगल के सुंदर पिचाई, सिस्को के जॉन चैंबर्स और अमेजन के जेफ बेजोस मौजूद थे. मोदी ने उनकी सरकार के पिछले तीन साल में उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि इन सुधारों की संख्या 7000 से ज्यादा है और इनका उद्देश्य व्यापार को सुगम बनाना और न्यूनतम सरकार एवं कारगर सरकार है. लगभग 90 मिनट तक चली बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया कि शीर्ष मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से बातचीत की. हमने भारत में मौजूद अवसरों पर व्यापक चर्चा की.

भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिका है दुनिया का ध्यान

उन्होंने कहा कि भारत की युवा आबादी और बढ़ते मध्यम वर्ग के कारण दुनिया का ध्यान अब भारत की अर्थव्यवस्था, खासतौर पर निर्माण, व्यापार, वाणिज्य और जनता के जनता से संपर्क पर केंद्रित है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से कहा कि सारी दुनिया भारत की ओर देख रही है. भारत सरकार ने 7000 सुधार अकेले व्यापार सुगमता और न्यूनतम सरकार, कारगर शासन के लिए किये हैं. बागले बैठक के दौरान ही ट्वीट कर रहे थे. उनके अनुसार, मोदी ने कंपनी प्रमुखों से कहा कि भारत की वृद्धि उसके और अमेरिका दोनों के लिए फायदेमंद हैं. अमेरिकी कंपनियों के सामने इसमें योगदान देने का एक महान अवसर है.

अमेरिका के मजबूत होने पर भारत को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यदि अमेरिका मजबूत होता है तो भारत इसका स्वाभाविक लाभार्थी होगा. जीएसटी के बारे में मोदी ने कहा कि जीएसटी को लागू किये जाने का ऐतिहासिक फैसला अमेरिका के बिजनेस स्कूलों में अध्ययन का विषय हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भारत बड़े निर्णय ले सकता है और शीघ्रता से उन्हें लागू कर सकता है. विलार्ड होटल में इस बातचीत के दौरान मोदी ने कंपनी प्रमुखों की मांगों को धैर्यपूर्वक सुना. मोदी विलार्ड होटल में ही रुके हैं. बागले ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 500 रेलवे स्टेशनों पर सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल से होटल विकसित करने के माध्यम से पर्यटन के लिए निहित अवसरों को रेखांकित किया.

सरकार ने लोगों के जीवन की गुणवत्ता में किया है सुधार

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने लोगों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया है. इस दिशा में काम करने के लिए वैश्विक साझेदारी की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसीलिए भारत ‘न्यूनतम सरकार, कारगर सरकार ‘, दक्षता, पारदर्शिता, विकास और सभी के लिए लाभ जैसे सिद्धांतों पर काम कर रहा है. बागले ने ट्विटर के जरिये कहा कि समापन भाषण में प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप तथा नवप्रवर्तन में सहयोग पर जोर दिया. उन्होंने भारत में बौद्धिक, शैक्षणिक तथा व्यवसायिक प्रशिक्षण संभावना में अवसरों का उपयोग करने को कहा. प्रवक्ता के अनुसार, सीईओ ने प्रधानमंत्री के नोटबंदी और अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण तथा जीएसटी की दिशा में उठाये गये कदमों की सराहना की.

कौशल विकास आैर शिक्षा के क्षेत्र में दिखी अमेरिकी सीइआे की रुचि

अमेरिकी कंपनियों के प्रमुखों ने ‘मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया ‘ तथा सरकार की अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए समर्थन देने की इच्छा जतायी. बैठक में मौजूद भारतीय अधिकारियों के अनुसार अमेरिकी सीईओ ने कौशल विकास और शिक्षा पहल में भागीदारी में रुचि दिखायी. उन्होंने भारत में उनकी कंपनियों द्वारा महिला सशिक्तकरण, डिजिटल प्रौद्योगिकी, शिक्षा तथा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उठाये गये कदमों का जिक्र किया. बैठक के दौरान बुनियादी ढांचा, रक्षा विनिर्माण और उर्जा सुरक्षा के भी मुद्दे उठे.

भारत में निवेश को लेकर उत्साहित हैं पिचार्इ

बागले के अनुसार, अमेरिकी कंपनियों के प्रमुखों ने व्यापार सुगमता के लिए सरकार की तरफ से उठाये गये कदमों की सराहना की. बैठक के बाद पिचाई ने संवाददाताओं से कहा कि वे भारत में निवेश को लेकर उत्साहित हैं. पिछले तीन साल में भारत सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर अमेरिकी कंपनियों का रुख सकारात्मक है. कुक ने बैठक को ‘अच्छा ‘ बताया. अमेरिका-भारत व्यापार परिषद के अध्यक्ष मुकेश आघी ने कहा कि कंपनी प्रमुखों ने प्रधानमंत्री द्वारा सुधार की दिशा में उठाये गये कदमों की सराहना की और भारत को व्यापार अनुकूल गंतव्य बनाने की दिशा में उनकी पहल को रेखांकित किया.

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