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डॉलर के मजबूत होने का दिखने लगा असर, भारत में ये इलेक्ट्रिक अप्लायंसेज हुए महंगे

Electronics Appliance Price: नए साल की शुरुआत से पहले भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान के दाम बढ़ सकते हैं. डॉलर की मजबूती और महंगी मेमोरी चिप्स के कारण टीवी, फ्रिज और अन्य घरेलू उपकरणों की कीमतों में इजाफा होने की संभावना है.

Electronics Appliance Price: घर के लिए नया टेलीविजन लेने का मन बना रहे लोगों के लिए आने वाले दिन थोड़ा भारी पड़ सकते हैं. बाजार से जो संकेत मिल रहे हैं, उनके मुताबिक जनवरी से टीवी की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. इसका मतलब यह है कि जो टीवी आज सस्ते में मिल रहा है, वही मॉडल नए साल में ज्यादा दाम पर बिक सकता है. कीमत बढ़ने की वजह किसी एक कारण तक सीमित नहीं है, बल्कि कंपनियों की लागत लगातार बढ़ रही है और उसी का असर अब ग्राहकों पर पड़ने वाला है.

कमजोर रुपये ने बढ़ाई परेशानी

हाल के समय में डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है. जब रुपया कमजोर होता है, तो विदेश से आने वाला हर सामान महंगा पड़ता है. टीवी बनाने में इस्तेमाल होने वाले कई जरूरी हिस्से भारत के बाहर से मंगाए जाते हैं. ऐसे में डॉलर महंगा होते ही कंपनियों का खर्च बढ़ जाता है. कंपनियों के लिए लंबे समय तक नुकसान सहना संभव नहीं होता, इसलिए वे बढ़ी हुई लागत का बोझ टीवी की कीमतों में जोड़ देती हैं. यही वजह है कि रुपये की कमजोरी का सीधा असर टीवी के दाम पर पड़ रहा है.

देश में पूरा टीवी नहीं बनता

भले ही टीवी भारत में असेंबल किए जाते हों, लेकिन हकीकत यह है कि उनके कई अहम पुर्जे अभी भी विदेश से आते हैं. स्क्रीन, ओपन सेल, चिप, मदरबोर्ड जैसे हिस्सों का बड़ा हिस्सा आयात पर निर्भर है. जब इन पुर्जों की कीमत बढ़ती है, तो कंपनियों के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचते. वे या तो मुनाफा कम करें या फिर कीमत बढ़ाएं. ज्यादातर मामलों में कीमत बढ़ाना ही आसान रास्ता होता है, जिसका असर सीधे ग्राहकों की जेब पर पड़ता है.

चिप की कमी ने हालात और बिगाड़े

टीवी की कीमतों पर असर डालने वाली एक और बड़ी वजह मेमोरी चिप की कमी है. इस समय दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े सिस्टम और सर्वर की मांग तेजी से बढ़ रही है. बड़ी टेक कंपनियां अब ज्यादा मुनाफा देने वाले AI प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दे रही हैं. इसके चलते टीवी, फ्रिज और अन्य घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान में इस्तेमाल होने वाली चिप्स की उपलब्धता कम हो गई है. जब सप्लाई कम होती है, तो कीमत अपने आप बढ़ जाती है.

खरीदारों के लिए क्या समझदारी होगी

अगर आप नया टीवी खरीदने का फैसला पहले ही कर चुके हैं, तो दिसंबर का महीना आपके लिए बेहतर हो सकता है. नए साल में कीमतें बढ़ने के बाद उसी टीवी के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं. खरीदारी से पहले अलग-अलग ब्रांड और मॉडल की तुलना करना जरूरी है. साथ ही चल रहे ऑफर्स, बैंक डिस्काउंट और एक्सचेंज डील पर भी नजर रखें. अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से फैसला लेना ही सबसे सही तरीका होगा.

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Anshuman Parashar
Anshuman Parashar
मैं अंशुमान पराशर पिछले दो वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. बिहार से जुड़े सामाजिक, राजनीतिक, अपराध और जनसरोकार के मुद्दों पर लिखने में विशेष रुचि रखता हूं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल टीम से जुड़ा हूं. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में ग्राउंड रिपोर्टिंग और विस्तृत राजनीतिक कवरेज किया है. अब बिजनेस बीट पर काम करते हुए निवेश, सरकारी योजनाओं और आर्थिक मामलों से जुड़ी खबरों को सरल और स्पष्ट रूप में पाठकों तक पहुंचा रहा हूं. तथ्यों की प्रमाणिकता और पारदर्शी प्रस्तुति को हमेशा प्राथमिकता देता हूं.

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