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बिहार: कोरोना से खिलवाड़, सीवान जंक्शन पर कोरोना जांच व टीकाकरण के नाम पर हो रही खानापूर्ति

बिहार के अन्य जिलों के साथ-साथ सीवान जिले में भी कोरोना संक्रमित मरीज मिलने लगे हैं. अन्य जिलों की अपेक्षा सीवान जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम मिलने से स्वास्थ्य विभाग के कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लग रहा है.

सीवान: बिहार के अन्य जिलों के साथ-साथ सीवान जिले में भी कोरोना संक्रमित मरीज मिलने लगे हैं. अन्य जिलों की अपेक्षा सीवान जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम मिलने से स्वास्थ्य विभाग के कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लग रहा है. बताया जाता है कि देश में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा ट्रेस, टेस्ट एवम ट्रीटमेंट पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रति स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी या तो लापरवाह हैं या जान-बूझकर आंकड़े को छुपाने में जुटे हुए हैं. जिले में वर्तमान में प्रतिदिन लगभग दो हजार लोगों के कोविड-19 जांच की जा रही है.

सिटी वैल्यू 25 से कम आने पर नहीं मान रहे  कोरोना संक्रमित

अन्य जिलों की अपेक्षा सीवान जिले की कोरोना पॉजिटिविटी रेट कम आने पर जांच प्रक्रिया संदेह के घेरे में आना स्वभाविक है. बताया जाता है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आने पर विभाग के वरीय अधिकारी उस मरीज को कोरोना संक्रमित नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि जब तक आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आता तब तक नहीं माना जायेगा. सूत्रों का कहना है कि आरटीपीसीआर जांच के दौरान सिटी वैल्यू 25 से कम आने पर आरटीपीसीआर लैब द्वारा भी उस मरीज कोरोना संक्रमित नहीं माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि वैसे मरीजों का सैंपल जीनोम सिक्वेंस जांच के लिए पटना भेजा जा रहा है.

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सीवान जंक्शन पर नियुक्त हैं एक एएनएम व एक लैब टेक्नीशियन

सीवान रेलवे स्टेशन पर पिछले 9 माह से स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को कोरोना का टीका लगाने एवं दूसरे प्रदेश से आने वाले रेल यात्रियों की कोरोना जांच करने के लिए कैंप लगाया गया है. विभाग ने टीकाकरण के लिए एक एएनएम एवं जांच के लिए एक लैब टेक्नीशियन की ड्यूटी लगायी है. लगभग एक साल से कोरोना का संक्रमण कम होने के कारण लोगों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना का टीका लगाने एवं जांच करने के प्रति उदासीन था. लोगों में टीका लेने एवं कोरोना जांच कराने में रुचि ही नहीं होने के बावजूद सीवान जंक्शन पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच एवं टीकाकरण केंद्र चलता रहा. विभाग द्वारा रविवार को भी कैंप में ड्यूटी करने का निर्देश दिया गया है. स्टेशन पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बताया गया कि उन्होंने इस संबंध में अपने वहीं अधिकारियों को पहले ही बता दिया है.

प्रिकॉशन डोज के रूप में लोगों को दी जायेगी कार्बोवेक्स वैक्सीन

इस सीजन में कोरोना संक्रमण के बढ़ने के पूर्व ही जिले में कोवोशिल्ड व कार्बोवेक्स वैक्सीन खत्म हो गई थी. को वैक्सीन मार्च महीने में एक्सपायर हो जाने के कारण लोग इस समय में कोरोना वैक्सीन लेने के लिए सरकारी अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं. लगभग एक सप्ताह पूर्व स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीवान जिले को 1200 डोज कार्बोवेक्स वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है. विभाग का सख्त निर्देश है कि यह वैक्सीन लोगों को सिर्फ प्रिकॉशन डोज के रूप में ही दी जायेगी. जब से वैक्सीन आया है तब से एक भी व्यक्ति को प्रिकॉशन रोज का टीका नहीं लगाया गया है. जिला प्रतिरक्षा कार्यालय के टीकाकरण केंद्र पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि जब तक 20 टीका लेने वाले लाभार्थी एक साथ नहीं आएंगे तब तक वैक्सीन का वायल नहीं खोला जायेगा. गुरुवार के अपराह्न तक प्रिकॉशन डोज लेने वाले 12 लाभार्थियों ने अपने नाम दर्ज कराये थे. जिन लोगों ने एक डोज लिया है या एक भी डोज नहीं लिया है. वैसे लोगों के संबंध में विभाग का कोई स्पष्ट निर्देश नहीं प्राप्त हुआ है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार

जिले में कोरोना जांच सही ढंग से चल रहा है. रैपिड एंटीजन किट से जांच में पॉजिटिव आने पर तब तक पॉजिटिव नहीं माना जायेगा जब तक आरटीपीसीआर की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आ जाता. यह जरूरी नहीं है कि रैपिड एंटीजन किट से जांच में निगेटिव आने वाले सभी लोगों की आरटीपीसीआर जांच की जाये.

डॉक्टर अनिल कुमार भट्ट, सिविल सर्जन, सीवान

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