Bihar Politics: जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार के राजद में शामिल होने की घोषणा ने बिहार की राजनीति गरमा गई है. इस फेरबदल से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर परबत्ता सीट के बंटवारे को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. खगड़िया में भाजपा के पास फिलहाल में कोई विधानसभा सीट नहीं है, इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि यह सीट उसके खाते में जा सकती है. चिराग पासवान की लोजपा (आर) भी इस पर अपनी दावेदारी जता रही है. इसके अलावा जदयू भी इस सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.
लंबे समय से चल रहे थे नाराज
संजीव कुमार के राजद में जाने के कयास लंबे समय से लगाए जा रहे थे. पार्टी नेतृत्व से उनकी नाराजगी खुलकर सामने आ गई थी. हाल ही में, जब सीएम नीतीश कुमार पूर्व सीएम सतीश प्रसाद सिंह की प्रतिमा के अनावरण के लिए परबत्ता आए थे तब भी विधायक संजीव कुमार नहीं आये थे. इससे नाराजगी की खबर को और बल मिला. वह लगातार पार्टी की नीतियों की आलोचना भी कर रहे था.
स्वाभिमान से समझौता नहीं करने की बात कही थी
भूमिहार जाति से आने वाले संजीव कुमार लगातार यह आरोप लगा रहे थे कि पार्टी में उनकी अनदेखी हो रही है. 2024 में जब सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया था तब कुमार का नाम विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में सामने आया था. इसे लेकर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने उन्हें नोटिस भी जारी किया था. संजीव कुमार बार-बार स्वाभिमान से समझौता न करने की बात भी कह रहे थे.
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किसकी दावेदारी मजबूत
संजीव कुमार के जदयू छोड़ने के बाद परबत्ता सीट पर भाजपा की दावेदारी मजबूत हो गई है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को खगड़िया जिले में एक भी सीट नहीं मिली थी, इसलिए यह सीट उसके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी परबत्ता सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में डॉ. संजीव कुमार के पिता आरएन सिंह ने भाजपा के रामानुज चौधरी को बड़े अंतर से हराया था. अगले कुछ दिनों में यह पता चल जायेगा कि राजग में यह सीट किसके खाते में जाती है और कौन सा चेहरा यहां से चुनाव लड़ता है.
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