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Bihar News: पटना. बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की शानदार जीत से उसे आने वाले वर्षों में राज्य से राज्यसभा की सभी सीटें जीतने में मदद मिलेगी, जबकि अगला विधानसभा चुनाव होने के समय राजद का उच्च सदन में कोई प्रतिनिधित्व नहीं रहेगा. बिहार से राज्यसभा की कुल 16 सीटों में से, राजद के पास वर्तमान में पांच और कांग्रेस के पास एक सीट है. अगले विधानसभा चुनाव तक विपक्षी दलों के पास राज्यसभा के सीटों को जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है. इससे उच्च सदन में राजग को अपना संख्या बल बढ़ाने में मदद मिलेगी, जहां भाजपा के पास अब भी बहुमत नहीं है.
दो सदस्यों का कार्यकाल अगले साल खत्म
अगले साल की शुरुआत में संसद के उच्च सदन के लिए होने वाले चुनावों में राजद के दो राज्यसभा सदस्य प्रेमचंद गुप्ता और एडी सिंह का कार्यकाल समाप्त हो जायेगा. मौजूदा संख्या बल राजग के पक्ष में है, जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन का इन सीटों पर कब्जा हो सकता है. राजग के राज्यसभा सदस्यों – हरिवंश, रामनाथ ठाकुर (दोनों जदयू) और उपेंद्र कुशवाहा (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) का कार्यकाल भी नौ अप्रैल 2026 को समाप्त हो जायेगा.
एक सीट के लिए 42 विधायकों की जरुरत
बिहार से (राज्यसभा की) पांच सीटों के लिए अगले दौर के द्विवार्षिक चुनाव में एक सीट जीतने के लिए, प्रत्येक उम्मीदवार को कम से कम 42 वोटों की आवश्यकता होगी. शुक्रवार को आये नतीजों के बाद, बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के पास कुल 35 सीटें हैं. इसमें राजद ने 25, कांग्रेस ने छह, भाकपा-माले ने दो, माकपा ने एक और इंडियन इन्क्लूसिव पार्टी (आइआइपी) की एक सीट शामिल है.
2030 में हो जायेगा राजद का सफाया
राज्यसभा के लिए अगला चुनाव 2028 की शुरुआत में होगा जब राजद के फैयाज अहमद के अलावा सतीश चंद्र दुबे, मनन कुमार मिश्रा और शंभू शरण पटेल (सभी भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के खीरू महतो का कार्यकाल सात जुलाई 2028 को समाप्त होगा. इसके बाद, राज्य से राज्यसभा चुनाव 2030 की शुरुआत में होना है जब धर्मशिला गुप्ता, भीम सिंह (दोनों भाजपा) और जद(यू) के संजय कुमार झा के अलावा, मनोज कुमार झा और संजय यादव (दोनों राजद) और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह का कार्यकाल दो अप्रैल 2030 को समाप्त होगा.

