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Tech Guide: Inverter खरीदने का कर रहे प्लान ? इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Inverter Buying Guide: देश में गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में बिजली कटने की समस्या से भी गुजरना पड़ता है. बिजली और पंखे के बिना कुछ ही मिनट काफी मुश्किल से कट पाते हैं. ऐसे में इस गर्मी के सीजन में अगर आप भी एक इन्वर्टर खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें.

Inverter Buying Guide: भारत में गर्मियों का मौसम आ चुका है. कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ने लगी है. गर्मियों के मौसम में बिजली की कटौती सबसे दर्दनाक साबित होती है, बिना बिजली और पंखे के एक मिनट भी काट पाना काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अगर आप भी गर्मी से बचना चाहते हैं और बिना किसी परेशानी के इस मौसम को पार करना चाहते हैं तो आपके लिए इन्वर्टर खरीदना एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है. ऐसे में अगर आप भी एक इन्वर्टर खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है. चलिए इन सभी बातों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

अपने घर की जरुरत को समझें

एक नया इन्वर्टर खरीदते समय सबसे पहली बात यह समझनी चाहिए कि आपको अपने घर के लिए कितनी बिजली की जरूरत है. उदाहरण के लिए, समझें कि क्या आप भारी उपकरण जैसे रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर आदि चलाना चाहते हैं या केवल लाइट और पंखे के लिए पावर बैकअप चाहते हैं. दूसरे शब्दों में, बिजली की आवश्यकता उन उपकरणों की संख्या और प्रकार से निर्धारित होती है जिन्हें आप इन्वर्टर का उपयोग करके चलाना चाहते हैं. मान लीजिए आप दो ट्यूबलाइट (60 वाट), 1 पंखा (70 वाट) और 2 CFL (40 वाट). इन सभी को जोड़ लें ऐसे में आपकी कुल बिजली की जरुरत होगी: 60 + 70 + 40 = 170W.

इन्वर्टर और डिजिटल यूपीएस के बीच अंतर समझे

हालांकि, सभी इन्वर्टर एक जैसे दिखाई देते हैं. ऐसे में इन्वर्टर और डिजिटल यूपीएस के बीच अंतर पता करने का तरीका है उसका पावर सप्लाई करने का तरीका. कुछ इन्वर्टर प्योर साइन वेव होते हैं और कुछ स्क्वायर साइन वेव. ऐसे में आपको प्योर साइन वेव वाले इन्वर्टर को चुनना चाहिए क्योंकि, इनमें काफी कम या फिर न के बराबर पावर कट की समस्या होती है. जानकारी के लिए बता दें प्योर साइन वेव वाले इन्वर्टर थोड़े महंगे होते हैं.

सही इन्वर्टर कैपेसिटी चुने

अगली चीज़ जो आपको तय करने की ज़रूरत है वह है इन्वर्टर की कैपेसिटी. इन्वर्टर की कैपेसिटी वॉल्ट एम्पीयर (VA) रेटिंग में मापी जाती है. इसका मतलब इन्वर्टर द्वारा उपकरणों को आपूर्ति की जाने वाली वोल्टेज और करंट है. VA की गणना पावर रिक्वायरमेंट / पावर फैक्टर के रूप में की जाती है. पावर फैक्टर उपकरण द्वारा आवश्यक शक्ति का अनुपात है. टाटा पावर की वेबसाइट के अनुसार एवरेज पावर फैक्टर 0.7 या 0.8 है. तो, 170W बिजली की आवश्यकता है जिसे 0.7 से डिवाइड किया जाएगा. तब इन्वर्टर की कैपेसिटी लगभग 250 VA होनी चाहिए.

इन्वर्टर के लिए सही बैटरी का चुनाव

बैटरी इन्वर्टर सेटअप का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. सही बैटरी का इस्तेमाल करना जरुरी है क्योंकि वे इन्वर्टर की सहनशक्ति और लॉन्ग लाइफ निर्धारित करते हैं. बैटरी की क्षमता एम्पीयर आवर्स (Ah) में मापी जाती है. यह उस अवधि पर भी निर्भर करता है जिसके लिए आप बैकअप चाहते हैं. उदाहरण के लिए, आप 2 घंटे से अधिक की बैटरी लाइफ चाहते हैं, तो हाई कैपेसिटी वाली बैटरी आदर्श है

ओवरलोड प्रोटेक्शन है जरुरी फीचर

एक इन्वर्टर खरीदने से पहले ध्यान में रखें की उसमें ओवरलोड प्रोटेक्शन फीचर मौजूद हो. इनवर्टर के लिए ओवरलोड सुरक्षा एक अनिवार्य और जरुरी सेफ्टी फीचर है. यह फीचर इन्वर्टर को ज़्यादा गरम होने से बचाता है और उपकरणों को नुकसान भी नहीं होने देता है.

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