गाड़ी चलाते समय अपने साथ गाड़ी से जुड़े सभी ज़रूरी कागज़ात रखना कितना ज़रूरी है, ये बात तो आप जानते ही होंगे। आप चाहें तो इन कागज़ात की हार्ड कॉपी रखने की बजाय, उन्हें डिजीलॉकर में भी स्टोर कर सकते हैं. गाड़ी चलाते समय आपके पास प्रदूषण प्रमाणपत्र (पीयूसी), ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस पेपर होना ज़रूरी होता है.
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प्रदूषण प्रमाणपत्र की कीमत
PUC Certificate: समय-समय पर प्रदूषण प्रमाणपत्र का नवीनीकरण कराना बहुत ज़रूरी होता है. इसे करवाने में आपको सिर्फ 50 से 100 रुपये ही खर्च करने पड़ते हैं. वहीं, अगर आप गाड़ी बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के चलाते हैं या फिर एक्सपायर हो चुके पीयूसी को रिन्यू करवाए बिना गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाते हैं, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है, जेल भी जाना पड़ सकता है. आप यकीनन नहीं चाहेंगे कि सिर्फ 50-100 रुपये की वजह से आपको जेल जाना पड़े और बेइज्जती सहनी पड़े.
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पीयूसी न होने पर चालान और जेल
मोटर वाहन अधिनियम, 1993 की धारा 190 (2) के तहत, अगर आप दिल्ली में बिना वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के पकड़े जाते हैं, तो आपका चालान कटना तय है. इसके लिए आपको 6 महीने तक की जेल या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है. साथ ही, ड्राइवर का लाइसेंस भी तीन महीने के लिए रद्द किया जा सकता है.
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प्रदूषण प्रमाणपत्र कहां से बनवाएं?
अगर आपके पास प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं है, तो जेल जाने से बचने के लिए जल्द से जल्द पीयूसी करवा लें. प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाने की प्रक्रिया बहुत आसान है. इसके लिए आप अपने आस-पास के पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र देख सकते हैं. वहां से आप अपने वाहन का प्रदूषण प्रमाणपत्र जांच करवाकर नया प्रमाणपत्र ले सकते हैं. इसमें ज़्यादा समय भी नहीं लगता है.
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